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महामारी से अनाथ बच्चों के लिए शिक्षा परियोजना ने शुरू किया संपूर्णा प्रोग्राम

  • वॉर्डन और शिक्षकों को दी गई कई जानकारी

गिरिडीह। गिरिडीह के एक होटल में संपूर्णा प्रोग्राम के तहत सामाजिक शिक्षा पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मकसद कस्तूरूबा गांधी आवासीय बालिका की वॉर्डन और शिक्षिकाओं को स्टूडेंट के प्रति एक साल के संपूर्ण शिक्षा की जानकारी देना था। इस एक दिवसीय कार्यशाला में राज्य शिक्षा परियोजना की गिरिडीह जिला प्रोग्राम पदाधिकारी रानू बॉस और संपूर्णा के जिला प्रतिनिधि जित्तेंद सिंह ने मौजूद प्रतिभागियों को कई जानकारी दी।

मौके पर जिला प्रोग्राम पदाधिकारी रानू बॉस ने कहा की दो साल में महामारी ने कई बच्चो को अनाथ बना दिया और इसी गम से बच्चे बाहर निकल नही पाए है। ऐसे बच्चे को सरकार के सहयोग से मिलने वाली शिक्षा भी उनके जीवन में बदलाव नहीं ला सकती है। वहीं बच्चे भी बेहतर शिक्षा हासिल नहीं कर सकते है। अब ऐसे बच्चो के लिए एक नया प्रयास ये करना होगा की उन्हें पहले भावनात्मक शिक्षा से जोड़ा जाए। इसके लिए पूरे एक साल तक संपूर्णा प्रोग्राम के गतिविधि की समीक्षा जरूरी है। जिनसे बच्चो को जोड़कर उन्हें भावनात्मक शिक्षा दिया जा रहा है।

जिला प्रोग्राम पदाधिकारी रानू बॉस ने संपूर्णा प्रोग्राम ऐसा ही प्रयास है और प्रयोग है जिसे स्कूल में एक एक बच्चो को मिल रहे भावनात्मक शिक्षा की जानकारी हर वार्डन और शिक्षकों को हो सके। इतना ही नहीं ये भी ध्यान रखना जरूरी है की एक बच्चो को उत्कीरिष्ठ शिक्षा और नैतिकता मिले, इसे लेकर भी प्रयास करना जरूरी है। कार्यशाला में राज्य से आई प्रोग्राम मैनेजर एड्रिका शुक्ला, कुमारी तिलोतमा, अंकिता कुमारी, स्नेहा कुमारी, गरिमा भारती और खुसी कुमारी समेत कई कार्यशाला में शामिल हुई।

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