जमुआ प्रखण्ड के पोबी में 1830 से मनाया जा रहा है दुर्गोत्सव
- 2009 में हुआ था समिति का गठन, लगता था भव्य मेला
- कोविड-19 के वजह से सामान्य रूप से हो रही पूजा
गिरिडीह। जिले के जमुआ प्रखण्ड के पोबी में 1830 से ही पाषाण प्रतिमा की पूजा की जा रही है। तत्कालीन जमींदार दुर्गा प्रसाद, बलराम सहाय, बिष्णु प्रसाद ने भव्य पंचमन्दिर का निर्माण करवाया था। मंदिर के अंदर प्राण प्रतिष्ठित विंध्यवासिनी माता दुर्गा का पाषाण प्रतिमा की पूजा अर्चना होते आ रहा है। 2009 में समाजसेवी बच्चन बेचारा के मार्गदर्शन में श्री श्री 1008 आदि शक्ति माँ दुर्गा पूजा समिति का गठन कर ग्रामीणों के सहयोग से अलग से मंडप में दुर्गा माता की प्रतिमा की पूजा अर्चना का श्री गणेश किया गया था। तभी से यहां पर तीन दिवसीय मेला का आयोजन होता आया है। प्रधान पुजारी संपूर्णानंद प्रसाद व मीडिया प्रभारी योगेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस वर्ष कोविड-19 के मद्देनजर सरकार के जारी दिशा निर्देशानुसार सिर्फ पूजा अर्चना किया जा रहा है। पोबी का दुर्गोत्सव कौमी एकता की भी मिशाल है।