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दो सप्ताह बाद भी वन विभाग द्वारा वन भूमि की जांच नही कराया जाना बना चर्चा का विषय

  • आधी रात में छोड़ा गया था वन भूमि की जमीन से मिट्टी उठाने पर जप्त जेसीबी

गिरिडीह। तिसरी प्रखंड के गुमगी पंचायत तिसरी गांवा बाईपास मुख्य मार्ग स्थित वन विभाग के पुराना क्वार्टर समीप कथित भूमाफियाओं द्वारा जमीन अतिक्रमण करने हेतु जेसीबी से पहाड़ीनुमा जमीन को समतल किए जाने पर वनपाल अभिमित कुमार अन्य वनरक्षियों के साथ पहुंच कर जेसीबी को अपने कब्जे में लेकर वन कार्यालय लाकर दिन भर रख रात्रि में छोड़ दिया था। बताया गया था कि जेसीबी गड़कुरा पंचायत अंतर्गत भुराई निवासी मनौवर अंसारी का है जिससे बॉन्ड भरवाकर छोड़ा गया है। वन विभाग अपनी जमीन को दो दिनों के भीतर मापी करेगी। मापी में जमीन वन विभाग का होने पर पुनः जेसीबी को वन विभाग अपने कब्जे में लेकर जेसीबी और जेसीबी मालिक के विरुद्ध वन अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई करेगी।

गैरमाजरुआ जमीन होने के स्थिति में अंचल अधिकारी तिसरी को रिपोर्ट सौप कर कार्रवाई किया जायेगा। लेकिन उक्त मामले में एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी वन विभाग द्वारा जमीन की मापी नही किया जाना तिसरी में चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा है कि वन विभाग अब मोटी रकम वसूल कर वन सीमा की जमीन को खरीद बिक्री करवा रही है, जिसके कारण जेसीबी छोड़ने के एक सप्ताह बाद भी जमीन की मापी नही कराई गई।

इस संबंध मे आजसू नेता नारायण यादव ने कहा कि वन विभाग वन भूमि का करोड़ो का बेस कीमती लकड़ी आरा मिलो में खपाया। लकड़ी समाप्त होने पर अब वन विभाग के अधिकारी वन भूमि की जमीन को बिक्री कर रही है। उन्होंने कहा कि गुमगी बाईपास वन भूमि को भी बिक्री किया जा चुका है। ग्रामीणों द्वारा चर्चा होने पर दिखावे के लिए जेसीबी को वन कार्यालय तिसरी लाकर रखा और आधी रात को छोड़ दिया गया। श्री यादव ने कहा वे मामले की लिखित शिकायत डीसी, सीएफ, डीएफओ और मुख्य सचिव के पास करेंगे।

इस संबंध में पूछे जाने पर वनपाल अभिमित कुमार ने कहा अभी तक मापी नही किया गया है। कहा कि वन भूमि की मापी कराने हेतु अब तक वन क्षेत्र पदाधिकारी का उन्हे निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है।

वहीं वन क्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार ने कि कहा गुमगी मुख्य मार्ग बाईपास पर स्थित जमीन तिसरी वन कार्यालय का क्षेत्र है। तिसरी वनपाल का काम है जमीन मापी कराकर अग्रेतर कार्रवाई हेतु रिपोर्ट सोंपना।

इधर तिसरी अंचलाधिकारी असीम वाडा ने कहा कि उन्हे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। कहा कि वन विभाग द्वारा मापी रिपोर्ट में जमीन गैरमाजरुआ होने पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जायेगी।

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