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गांवा की उषा देवी की मौत ने गिरिडीह स्वास्थ विभाग की लचर व्यवस्था से कराया अवगत

  • स्वास्थ मंत्री भी समीक्षा के नाम पर सिर्फ कोरम करते है पूरा
  • स्वास्थ विभाग सिर्फ सरकार की योजना का लक्ष्य पूरा करने को समझते है अपनी जिम्मेवारी

गिरिडीह। गिरिडीह के गांवा में 55 वर्षिय उषा देवी की मौत सिर्फ इसलिए हो गई की गांवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से वक्त पर उन्हें एंबुलेंस नही मिल पाया। सोमवार की देर शाम उषा देवी की सांस फूलने लगी। तो उषा देवी का बेटा पंकज विश्वकर्मा ने गांवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिनियुकत डॉक्टर हबीबुल्लाह को कॉल किया। डॉक्टर ने जानकारी दिया की एंबुलेंस में दवा लोड है। एंबुलेंस नही जा सकता।

जिसके बाद बेटा पंकज किसी तरह अपनी मां को बाइक से लेकर लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाता है। लेकिन इसके बाद भी उषा देवी बच नहीं पाती। बहराल, ये सिर्फ गिरिडीह के खराब होते स्वास्थ विभाग के लापरवाही का एक बानगी है। लेकिन हालात सुधारने के प्रति जनप्रतिनिधि और अधिकारी समेत कर्मी तक किस कदर लापरवाह है। ये सोमवार की घटना ने साबित कर दिया।

जबकि सूबे के स्वास्थ मंत्री बन्ना गुप्ता भी रांची से देवघर और दुमका जाने के क्रम में गिरिडीह में रुकते है, तो सिर्फ गिरिडीह में चाय और पानी पीने के क्रम में खानापूर्ति की समीक्षा बैठक कर लेते है, लेकिन गिरिडीह स्वास्थ विभाग की गड़बड़ी की ओर मंत्री का ध्यान तक नही जाता है। यहीं हाल जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग के अधिकारियो का है। जिन्हे सिर्फ सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लक्ष्य पूरा कर खानापूर्ति कर लेना है। अब ऐसे में हालात बेहतर करने को लेकर किनकी नजर जाए और ऐसी लापरवाही के बीच लोगों के जान बच सके। ये सबसे बड़ा सवाल है।

लापरवाही की शिकार हुई उषा देवी के बेटे का तो फिलहाल यही आरोप है की उन्हें वक्त पर एंबुलेंस मिला नही। वो अपनी मां को लेकर बाइक से ही गांवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गए। जहां जांच के क्रम में इसी स्वास्थ केंद्र के डॉक्टर हबीबुलाहा ने उनकी मां को मृत घोषित कर दिया। यहां सबसे बड़ा दर्दनाक पहलू तो ये है कि उषा देवी के शव को घर पहुंचाने के लिए भी कोई सुविधा नहीं मिल पाया। लिहाजा, बेटे पंकज ने बाइक पर ही मां के बॉडी को लेकर देर रात घर लौटा। अब खुद लाचार और बीमार गिरिडीह स्वास्थ के हालात को समझा जा सकता हैं। हालांकि मामला सामने आने के बाद सिविल सर्जन शिव प्रसाद मिश्रा ने एंबुलेंस संचालक को शोकॉज करने के साथ ही डॉक्टर हबीबुल्लाह के खिलाफ भी जांच करने की बात कही है।

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