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चक्रवाती तूफान ने गिरिडीह के धनवार में ढाया कहर, अलग-अलग गांवो में टूटे आधा दर्जन कच्चा मकान, तो खंडौली डैम के फाटक का हुआ खोलने का निर्देश

गिरिडीहः
चक्रवाती तूफान के कारण लगातार दो दिनों से हो रही मूषलाधार बारिश ने गिरिडीह में जलप्रलय ला दिया है। एक तरफ जहां जिले की प्रमुख उसरी नदी और छोटी नदियों का जलस्तर अब रौद्ररुप में कहर ढाने के लिए बेताब है। शहरी पेयजलापूर्ति योजना खंडौली डैम का जलस्तर भी काफी अधिक बढ़ चुका है। हालात ये है कि नगर निगम ने स्थिति बिगड़ने से पहले ही खंडौली डैम के गेट को डेढ़ फीट खोलने का निर्देश दिया है। जिसे जलस्तर के बढ़ते दबाव को कम किया जा सके। गुरुवार को ही उपमहापौर प्रकाश सेठ और भाजपा नेता संजीत सिंह पप्पू ने डैम का निरीक्षण किया। तो दुसरी तरफ जिले के धनवार के अलग-अलग स्थानों में आधा दर्जन मिट्टी के घर मूषलाधार बारिश के कारण धराशयी हो गए। लगातार हो रही बारिश के दुसरे दिन गुरुवार को दिन ढलता गया। तो बर्बादी के तस्वीर भी सामने आने लगे।
जानकारी के अनुसार धनवार के गरजाशरण से सबसे पहले मो. श्मसुद्दीन के मिट्टी के घर ढहने की सूचना आई। सुबह श्मसुद्दीन का परिवार सो कर ही उठा था कि अचानक घर का हिस्सा पूरी तरह से धराशयी हो गया। गनीमत रही कि श्मसुद्दीन व उसके परिवार के सदस्यों को कोई नुकसान नहीं हुआ। लेकिन घर में रखे अनाज और कपड़े बर्बाद हो गए। बर्बादी की दुसरी खबर धनवार के जेरुआडीह से सुनने को मिली। जहां जिबरेल अंसारी के मिट्टी का घर पूरी तरह से टूट गया। तो समान भी बर्बाद हो गए। जबकि धनवार के चागोसिंगा गांव में ही शबाना खातून का भी घर जमींदोज होने की बात कही जा रही है। हालांकि परिवार के सभी सदस्य सुरक्षित बताएं जा रहे है।

इसी प्रकार धनवार के पंचरुखी गांव में ही लक्ष्मण राणा और संगीता देवी के मिट्टी के घर लगातार दो दिनों से हो रही मूषलाधार बारिश को झेल नहीं पाई। और जमींदोज हो गई। यहां भी जानमाल के नुकसान की कोई सूचना तो नहीं है। लेकिन समानों का नुकसान हुआ है। तो धनवार के गादी पंचायत के अरगाली में ही भृगुनंदन तिवारी और पवन राम के घर टूट गए। तो कपड़ो समेत अनाज का नुकसान हुआ। वैसे जिस वक्त दोनों के घर गिरे, उस वक्त परिवार का कोई सदस्य घर में नहीं था। लिहाजा, सभी सुरक्षित बताएं जा रहे है।

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