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मधुबन के ढोलकट्टा गांव में सीआरपीएफ और प्रशासन ने किया सिविक एक्शन कार्यक्रम आयोजन

गिरिडीहः
गिरिडीह के नक्सल प्रभावित पीरटांड अब रक्तबीज राक्षस के अभिशाप से मुक्त हो रही है। क्योंकि एक नक्सली के मरने से अब इस इलाके मंे अनगिनत माओवादी भी नहीं पैदा होते है। और यही कारण है कि इलाके के ग्रामीणांे का भरोषा जीतने केन्द्रीय अर्धसैनिक बल कोई कसर नहीं छोड़ रही। इसकी बानगी गुरुवार को दिखा, जब पीरटांड प्रखंड और मधुबन थाना के इलाके के ढोलकट्टा पहुंच कर सीआरपीएफ, जिले के पुलिस पदाधिकारी, बीडिओ ने एक खास शिविर लगाया। और ग्रामीणों को उनके जरुरत के अनुसार समानों का वितरण किया। तो कई समस्याओं का भी निपटारा किया। इस खास कार्यक्रम का नाम सिविक एक्शन दिया गया था।

जिसमें पीरटांड बीडिओ दिनेश कुमार के साथ पीरटांड थाना प्रभारी डीलशन बिरुआं, मधुबन थाना प्रभारी मृत्युजंय सिंह समेत सीआरपीएफ के कमांडेट और जवान शामिल हुए। जहां ढोलकट्टा के ग्रामीण महिलाओं के बीच कड़ाके की ठंड को देखते हुए कंबल का वितरण किया। तो कई कपड़े भी इस दौरान वितरण किए गए। जबकि इलाके के बच्चों के बीच स्कूल बैग और किताबों का वितरण किया गया। जबकि स्वरोजगार से जुड़ने के लिए सरसों का बीज, बत्तख के चूजे समेत कई और समानों का वितरण किया। जिसे महिलाओं समेत इलाके के ग्रामीण बत्तख पालन को अपनाकर स्वरोजगार से जुड़ सके।

बीडिओ के निर्देश पर ही सिविक एक्शन कार्यक्रम स्थल में कई स्टॉल भी लगाएं गए थे। जहां वृद्धा पेंशन से जुड़े समस्याओं का समाधान किया जा रहा था। पीएम आवास योजना की जानकारी देने के साथ लाभुकों का भी चयन प्रकिया की जा रही थी। वैसे गौर करने वाली बात तो यह भी है कि इसी ढोलकट्टा में एक वक्त पुलिस और सुरक्षा बल के जवान घुसने भी डरते थे। क्योंकि माओवादियों का आंतक तो था ही, तो कभी रक्तबीज के नाम से भी जाना जाता था।

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