कोरोना महामारी ने गिरिडीह में खून की कमी ने परेशानी बढ़ाया, पिछले एक माह के भीतर हो चुकी है पांच की मौत
महामारी के कारण रक्तदान करने वालों की तादाद में आई बड़ी कमी, वैक्सीनेशन के कारण नहीं कर पा रहे रक्तदान
गिरिडीहः
कोरोना महामारी के कारण हर कोई प्रभावित है। गिरिडीह में संक्रमण का आंकड़ा कम हुआ। लेकिन राहत नहीं मिला है। वहीं अब इस महामारी ने कई और परेशानी बढ़ा दिया है। जिसमें जिले में खून की कमी होना भी शामिल है। क्योंकि कोरोना महामारी के कारण रक्तदान करने वालों की संख्या अचानक कमी आई है। जिले में पिछले तीन माह से रक्तदान में बड़ी गिरावट आई है। और खून के इसी कमी के कारण जिले में थैलीसीमित की बीमारी से ग्रसित चार बच्चों तो सीकलेसल एनीमिया से एक 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत तक हो चुका है। ऐसे में समझा जा सकता है कि खून की कमी कितनी मुश्किल खड़ा कर रहा है। जानकारी के अनुसार जमुआ के चकमंजो गांव के आठ साल के थैलीसीमिया से ग्रसित शिवकुमार की मौत खून की कमी से हो गया है। हालांकि तीन दिन पहले उसे खून चढ़ाया गया था। लेकिन थैलीसीमिया से ग्रसित होने के कारण शिवकुमार को बी पाॅजिटीव ग्रुप की अधिक ब्लड की जरुरत नहीं थी। जो वक्त पर नहीं मिली, तो उसकी मौत हो गई। इसी प्रकार एनीमिया से ग्रसित लेदा के चरपोका गांव निवासी मो. इरशाद को भी खून की जरुरत महसूस हुआ। वक्त पर नहीं मिला तो इरशाद की मौत ईद के दिन हो गया। जबकि बगोदर की ही शीतल कुमारी को भी ब्लड की जरुरत थी। लेकिन मिला नहीं। तो खून की कमी के कारण शीतल ने दम तोड़ दिया।
बहरहाल, ऐसे नाम सिर्फ बानगी है। जो थैलीसीमिया से ग्रसित होने के बाद वक्त पर खून की कमी से मौत हुआ। लेकिन महामारी के कारण हालात बेहद खराब है। थैलीसीमिया से ग्रसित कई बच्चों को विभिन्न ब्लड ग्रुप औसतन हर दिन 15 से 20 यूनिट चढ़ाना पड़ता है। यही नही खून की कमी के कारण परेशानी प्रसूती महिलाओं को लेकर भी हो रहा है। जिन्हें डिलीवरी के लिए खून की जरुरत पड़ने के बाद उनके परिजन ब्लड के लिए दर-दर भटक रहे है। लेकिन गिरिडीह के इकलौते सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में अब महज चंद यूनिट ब्लड ही बचा है।
यही कारण है कि पिछले तीन माह से जरुरतमंदो को खून नहीं मिल पा रहा है। ब्लड बैंक के सूत्रों की मानें तो अंतिम बार रक्तदान फरवरी माह में हुआ। जिसमें 50 यूनिट से अधिक कलेक्शन हुआ था। लेकिन मार्च महीनें में कोरोना महामारी का दुसरी बार अटैक होने के कारण रक्तदान ही बंद हो गया। किसी संस्था द्वारा भी अब तक वृहद रक्तदान शिविर का आयोजन नहीं किया गया है। जबकि जिले में लगातार वैक्सीनेशन का अभियान भी जारी है। लिहाजा, रक्तदान करने वाले भी वैक्सीनेशन के कारण ही रक्तदान नहीं कर पा रहे है।