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कोरोना नहीं फैले, तो सरकार ने धार्मिक स्थलों को बंद रखा, लेकिन एक लापरवाह जिला गिरिडीह के अधिकारियों और ठेकेदारों की एक तस्वीर ये भी है

गिरिडीहः
हेमंत सरकार ने कोरोना संक्रमण का हवाला देकर धार्मिक स्थलों को अब भी बंद रखे हुए है। लेकिन एक लापरवाह जिले के अधिकारियों और ठेकेदारों की लापरवाही की बानगी है मंगलवार दोपहर की यह तस्वीर। जहां ठेकेदारों का हुजूम उमड़ पड़ा। वह भी सरकारी योजनाओं का ठेका लेने के लिए। ना कोई नियम और ना ही महामारी का कोई खौफ। सारे नियमों को ताक पर रख योजनाओं का ठेका लेने के लिए ठेकेदारों की भीड़ उमड़ पड़ी। लेकिन जिले के अधिकारियों की क्या कहे, ठेकेदारों के इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई तैयार नहीं। फिर चाहे जिले के वरीय अधिकारी हो, या एनआरईपी के पदाधिकारी। हैरानी की बात तो यह रही कि योजना का ठेका लेने वाले ठेकेदारों के इस मेले में उमड़ी भीड़ में ठेकेदारों के चेहरे से माॅस्क भी गायब दिखा। यहां तक कि विभागीय पदाधिकारियों और कर्मियों के चेहरे से माॅस्क गायब था। हालात ऐसे कि एनआरईपी कार्यालय के बाहर एक पर एक ठेकेदार योजनाओं को आपस में मैनेज करने को लेकर जुगाड़ लगा रहे थे और वह भी महामारी से बेखौफ हो कर। कोई ठेकेदार एक योजना पर दुसरे ठेकेदारों को टेंडर पेपर डालने से रोकने के लिए ही पैसे गिनते नजर दिखा। तो कोई योजना के लिए विभागीय पदाधिकारियों को मैनेज करने के प्रयास में था। ठेकेदारों के इसी मेले की जानकारी डीडीसी शशिभूषण मेहरा को देने पर डीडीसी ने एनआरईपी के कार्यपालक अभियंता से भीड़ का कारण पूछने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। तो दुसरी तरफ डीसी राहुल सिन्हा के नंबर पर भी कई बात काॅल किया गया। लेकिन डीसी का नंबर भी नाॅट रिचेबल ही आ रहा था।


वैसे कोरोना काल में जिले के अधिकारियों और ठेकेदारों की लापरवाही का यह कोई नया मामला नहीं है। बल्कि, ऐसी तस्वीर अब गिरिडीह जिले के लिए साधारण बात हो गई है। बहरहाल, महामारी का हवाला देकर सरकार ने धार्मिक स्थलों को श्रद्धालुओं के प्रवेश पर पांबदी लगा रखा है। तो दुसरी तरफ सरकारी योजनाओं से मालामाल होने वाले ठेकेदारों के इस भीड़ को लापरवाही के साथ छोड़ दिया। लिहाजा, सवाल तो उठते है कि जहां कुछ भक्त अपनी आस्था व्यक्त करने के लिए धार्मिक स्थलों में जाएं, तो वहां महामारी फैलने का खतरा। तो दुसरी तरफ योजनाओं के सहारे लूट-खसोट को लेकर लापरवाही खुद में ही सरकार व प्रशासन को सवालों के घेरे में खड़ी करती है। दरअसल, गिरिडीह के पुराना जेल परिसर स्थित एनआरईपी कार्यालय में 19 योजनाओं का टेंडर मंगलवार को होना था। इसमें सड़क निर्माण से लेकर भवन निर्माण की छोटी-छोटी योजनाएं शामिल थी। और इन योजनाओं को हासिल करने के लिए ठेकेदारांे का यह मेला लगा था। इधर संवेदक संघ के पदाधिकारी अमित रंजन देव ने कहा कि एनआरईपी कार्यालय में ठेकेदारों से अधिक जिला शिक्षा विभाग के कर्मियों की भीड़ थी। जो उधर से गुजर रहे थे, तो ठेकेदारों से मिलने के लिए रुक गए।

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