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नईटांड़ गांव में अर्धनिर्मित आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने को मजबूर है बच्चे

  • 15 वर्ष पूर्व आंगनबाड़ी भवन निर्माण कार्य हुआ था शुरू

गिरिडीह। जिले के तिसरी प्रखंड अंतर्गत चंदौरी पंचायत के नईटांड़ गांव में आंगनबाड़ी केंद्र खुले में पाठशाला चलता है। आंगनबाड़ी भवन में न ही छत है न ही दीवाल और जमीन की प्लास्टर नही हुआ, खिड़की दरवाजे नही लगे, शौचालय निर्माण नही हुआ, बिजली और पानी की व्यवस्था नहीं हुई। इधर सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रहे है भवन बनाने में लेकिन नईटांड़ आंगनबाड़ी में 3 से 6 वर्ष के बच्चे रोज अपने घर से बोरा लेकर केंद्र में आते है और मिट्टी पर बोरा बिछाकर पढ़ने के उपरांत पुनः बोरा हाथ में लेकर घर वापस चले जाते है। शौचालय के लिए भी बच्चांे को खेतो में बाहर जाना पड़ता है।

ग्रामीण हरिहर दास ने कहा कि लगभग 15 वर्ष पूर्व आंगनबाड़ी भवन निर्माण कार्य शुरू हुआ था। जिस कार्य का देख रेख गांव के सहदेव साव द्वारा किया जा रहा था। सिर्फ छत ढलाई के आलवे संवेदक ने कोई कार्य नहीं किया है। ग्रामीण महिला पूजा देवी ने कहा कि उनके बच्चे खंडहर आंगनबाड़ी भवन में पढ़ने आता है जिससे उनके मन में सांप बिच्छू का डर हमेशा उन्हे सताता रहता है। धात्री महिला पिंकी देवी ने कहा कि सरकार अधूरे आंगनबाड़ी भवन को पूर्ण करे अन्यथा केंद्र में बच्चो को भेजना बंद कर देंगे।

आंगनबाड़ी सेविका मीना रानी ने बताया कि किस विभाग से भवन निर्माण हो रहा था। उन्हे मालूम नही है। उन्होंने भवन की समस्या से विभाग को कई बार पूर्व में अवगत कराया गया है, लेकिन कोई पदाधिकारी देखने तक नही आए है।

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