चाइल्ड लाइन की टीम ने चाइल्ड ट्रैफिक मदन हंसदा को पकड़कर किया पुलिस के हवाले
- चतुर मुर्मू के ग्यारह वर्ष की बेटी को वर्ष 2014 में ले गया था दिल्ली
- 2019 में परिजनों ने की थी शिकायत
गिरिडीह। तिसरी-लोकाय थाना अंतर्गत मंसाडीह पंचायत के जलगोडा गांव के आदिवासी दंपति के ग्यारह वर्ष की बेटी मुन्नी मुर्मू को सात साल पहले काम दिलाने का लालच देकर दिल्ली ले जाने के मामले में तिसरी सब चाइल्ड लाइन की टीम ने थंबाचक मुख्य सड़क पर एक व्यक्ति (चाइल्ड ट्रैफिक) मदन हंसदा को पकड़कर तिसरी पुलिस के हवाले कर दिया। यह कार्रवाई 1098 में 2019 में शिकायत करने के आलोक में की गई। तीन साल से मदन हंसदा की तलाश में चाइल्ड लाइन तिसरी की टीम जूटी हुई थी।
बताया जाता है कि जलगोडा गांव के चतुर मुर्मू के ग्यारह वर्ष के मुन्नी मुर्मू को 2014 में ही काम दिलाने का प्रलोभन देकर नीमा गांव की निर्मला सोरेन व जमुआ प्रखंड के द्वारपहरी गांव के मदन हंसदा दिल्ली ले गया था। एक साल तक मुन्नी मुर्मू से माता पिता से बातचीत हुई इसके बाद संपर्क टूट गया। पीड़ित चतुर मुर्मू ने बताया कि एक साल बाद बेटी से बातचीत बंद हो गया तो बेटी को घर वापस बुलाने का दबाव मदन हंसदा पर बनाने लगा, लेकिन वह टाल मटोल कर देता था। इसकी शिकायत 2019 में चाइल्ड लाइन के 1098 में की गई। चाइल्ड लाइन तिसरी टीम के जयराम प्रसाद, अमर पाठक, अजय मिश्रा ने इसकी पड़ताल की। मुन्नी को दिल्ली ले जाने वाले निर्मला सोरेन व मदन हंसदा से फोन पर बात कर दबाव बनाया, लेकिन कोई असर नही हुआ।
सोमवार को गुप्त सूचना पर द्वारपहरी के मदन हंसदा को थंबाचक मुख्य सड़क पर धर दबोचा गया। इस दौरान मदन हंसदा ने कहा कि चतुर मुर्मू की बेटी को तिसरी के बिनोद यादव को दे दिए थे। वही दिल्ली में हमसे मंगवाया था। अब कहा है हमे मालूम नही है। इसकी सूचना तिसरी पुलिस को दिया गया। तिसरी एसआइ अमित कच्छप पुलिस टीम के साथ पहुंच कर आरोपी मदन को थाना ले गए। चाइल्ड लाइन टीम के जयराम प्रसाद ने कहा कि मदन हंसदा के चंगुल से कुछ माह पहले सोनाली हेम्ब्रोम को छुड़वा कर माता पिता को सौपा गया था।