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चाइल्ड लाइन टीम ने बाल मजदूरी के लिए दिल्ली ले जाए जा रहे 10 बच्चों को कराया मुक्त

  • गिरिडीह के तिसरी प्रखंड के विभिन्न गांवों के रहने वाले है बच्चे

कोडरमा। बाल मजदूरी के लिए दिल्ली ले जाये जा रहे 10 बच्चों को शनिवार को डोमचांच में मुक्त कराया गया। कोडरमा से सटे गिरिडीह जिला के तिसरी प्रखंड के विभिन्न गांवों से एक तस्कर के द्वारा 10 बच्चों को कोडरमा स्टेशन होकर दिल्ली ले जाया जा रहा था। जिसकी सूचना किसी ने चाइल्डहेल्प लाइन नंबर 1098 पर दी। बताया गया कि तिसरी से खुलने वाली बस नितेश में सभी 10 बच्चे सवार होकर कोडरमा के रास्ते दिल्ली को ले जाया जा रहा है। इन सभी को पुरुषोत्तम एक्सप्रेस पकड़ना है। सूचना के आधार पर कोडरमा की चाइल्डलाइन टीम ने डोमचांच थाना की मदद से नितेश बस को डोमचांच थाना के पास रुकवाया और तलाशी अभियान शुरू की जिसमे से 3 बच्चे नाबालिग पाए गए। बच्चों के साथ उसी गांव के 3 अन्य लोगों को भी थाना लाया गया।

पूछताछ के क्रम में उन्होंने बताया कि तिलैया स्टेशन पर एक व्यक्ति है जिनके साथ हमलोगों को जाना है। हम सभी का टिकट भी उन्हीं के पास है। इधर, डोमचांच थाना के द्वारा बरामद हुए 3 नाबालिग बच्चों को चाइल्डलाइन को हवाले कर दिया।

ज्ञात हो कि कोडरमा स्टेशन बाल तस्करी का हब बनता जा रहा है। यह स्टेशन मौटे तौर पर पांच जिलों के यात्रियों का सीधा-सीधा आवागमन होता है। आये दिन बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन बड़े शहरों में हो रहा है। ऐसे मजदूरों के साथ बच्चे भी शामिल होते हैं। कई बार बाहरी तस्कर गांव में मजदूरों को बहला-फुसलाकर बड़े शहरों में काम दिलाने के नाम पर ले जाते हैं। इसमें मानव तस्करी का भी हिस्सा होने की पूरी संभावना होती हैं। इस प्रकरण में भी जिन नाबालिग को ले जाया जा रहा था। उन्हें दलाल का नाम पता तक पता नहीं था। ऐसे में दिल्ली जाने के बाद इनका भविष्य क्या होता, यह किसी को नहीं पता।

जानकारी के अनुसार अक्सर दलाल बच्चों के अभिभावकों को लालच देकर उन्हें अपने साथ ले जाते हैं। इस रेस्क्यू अभियान में चाइल्डलाइन के समन्वयक दीपक कुमार राणा, एएसई दिलशाद कुमार एएसई नीरज कुमार, चाइल्डलाइन टीम सदस्य मेरियन सोरेन, उमेश कुमार, मनीष लहेरी, शंकरलाल राणा एवं कुमारी ज्योति सिन्हा आदि मौजूद थे।

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