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मुख्यमंत्री ने की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के साथ समीक्षा बैठक

  • सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से आच्छादित करने का दिया निर्देश
  • दूध और अंडा उत्पादन में भी झारखंड को अग्रणी बनाने का रखा लक्ष्य
  • बंद हो चुके खुले खनन परिसर में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने का दिया निर्देश

रांची। मुख्यमंत्री ने कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के साथ शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन में समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कृषि विभाग के अधिकारियों को सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से आच्छादित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि इसके लिए प्रखंड स्तर पर विशेष अभियान चलाकर 15 जुलाई तक शिविर लगाकर आवेदन लेने की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जाये। अगर बैंक से सहयोग प्राप्त नहीं हो रहा हो तो बैंक से विभाग स्पष्टीकरण मांगे। कहा कि राज्य के सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड देने का लक्ष्य लेकर सरकार कार्य कर रही है।

बताया गया कि राज्य में करीब 30 लाख किसान हैं और अब तक 13 लाख किसानों का किसान क्रेडिट कार्ड बनाया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड से किसान खेती के लिए बीज, खाद, उपकरण एवं अन्य जरुरत को पूरा करने के लिए उपयोग कर सकते हैं। बैंक किसानों के आधार पर क्रेडिट कार्ड से खर्च-कर्ज की सीमा तय करते हैं। किसान समय पर कर्ज चुका कर आगे क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते रह सकते हैं।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में झारखंड अग्रणी राज्य बन चुका है। अब दूध और अंडा उत्पादन में भी झारखंड को अग्रणी बनाना है। इसके लिए टारगेट तय करना होगा, जिससे दूध उत्पादन में राज्य आत्मनिर्भर बन सके। साथ ही, पशुपालन के क्षेत्र पर भी ध्यान देने की जरूरत है। क्षेत्र की भौगोलिक रचना और वहां के लोगों की रुचि के अनुरूप पशुपालन को बढ़ावा देना है। विभाग अपनी कार्ययोजना में इन बातों का समावेश कर कार्य करें।

मुख्यमंत्री ने मत्स्य विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि बंद हो चुके खुले खनन परिसर में मत्स्य पालन को बढ़ावा दें। इससे लोगों की आर्थिक क्षमता में वृद्धि होगी। विभिन्न जलाशयों में केज कल्चर के माध्यम से हो रहे मत्स्य पालन में किसी तरह की लापरवाही विभाग ना बरते। किसी भी केज में मछली या मछली बीज की कमी नहीं होनी चाहिए। जबतक केज में अधिक संख्या में मत्स्य पालन नहीं होगा, तबतक इससे जुड़े लोगों को अधिक मुनाफा नहीं होगा। कहा कि विभाग हेचरी, बकरीपालन, मुर्गी पालन का मॉडल लेकर आयें। राज्य में देश के प्रगतिशील किसानों को प्रोत्साहित करें ताकि यहां के किसान भी इस दिशा में बेहतर करने की ओर अग्रसर हो सकें।

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