खंता से बरामद हड्डियां गिरिडीह सीसीएल के पूर्व सुरक्षा पदाधिकारी भोला सिंह का था, एफएसएल जांच रिपोर्ट में एक साल बाद हुआ खुलासा
मृतक के खून से मिलाया बेटे के खून का डीएनए, बरामद जींस और रुमाल ने भी किया जांच में स्पस्ट
एक साल पहले कोयला चोरों ने हत्या कर अगदोनीकला गांव के खंते में डाल दिया था शव
बाईक मिला गहरे चानक से तो चाकू, जींस भदुआपहाड़ी के रास्ते में पड़ा मिला पुलिस को
मनोज कुमार पिंटूः गिरिडीहः
गिरिडीह सीसीएल के अगदोनीकला गांव के खंता से बरामद हड्डियां पूर्व सुरक्षा पदाधिकारी भोला सिंह का ही था। इस सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा एफएसएल जांच रिपोर्ट के आधार पर हुआ। फोरेसिंक लेबोरेट्ररी के जांच में स्पस्ट हुआ कि खंता से बरामद हड्डियां पूर्व सुरक्षा पदाधिकारी का ही था। एक साल बाद एफएसएल जांच रिपोर्ट रांची पुलिस मुख्यालय ने गिरिडीह पुलिस को सौंपा है। गिरिडीह पुलिस को दिए रिपोर्ट में कई और बातों का जिक्र है। जिसे स्पस्ट हुआ कि सीसीएल के जिन दो कोयला चोरों ने सीसीएल के सुरक्षा पदाधिकारी का हत्या कर उनके शव को अगदोनीकला गांव के सुलगते खंता में डाला था। और हत्या के कुछ दिनों बाद पुलिस खंता से हड्डियां बरामद की। वह पूर्व सुरक्षा पदाधिकारी भोला सिंह का ही था। लिहाजा, एफएसएल जांच रिपोर्ट के आधार पर अब हत्या के दोनों आरोपी सोहेल शेख और पप्पू मरीक को कड़ी सजा होने से संभवत कोई रोक सकें। पुलिस सूत्रों की मानें तो एफएसएल जांच रिपोर्ट तीन दिनों पहले गिरिडीह पुलिस को मिला। इसमें मृतक और उनके बेटे मनीष सिंह के डीएनए रिपोर्ट का जिक्र है। जिसमें मृतक और उनके बेटे का खून एक ही पाया गया। यही नही एफएसएल जांच रिपोर्ट में यह भी स्पस्ट हुआ है कि पूर्व सुरक्षा पदाधिकारी को दोनों हत्यारों ने जिस चाकू से मारा था। उसमें लगा हुआ खून भी पूर्व सुरक्षा पदाधिकारी का ही था।
बतातें चले कि पिछले साल 2019 के 30 जून को सीसीएल के पूर्व सुरक्षा पदाधिकारी भोला सिंह मुफ्फसिल थाना से निकल कर सीसीएल इलाके में रहने वाले अपने करीबी हरिबल्लभ के घर मुलाकात करने गए हुए थे। वहीं दुसरे दिन एक जूलाई को गिरिडीह से परियोजना कार्यालय जाने के रास्ते भदुआपहाड़ी के समीप मृतक का जूता, जींस और जमीन पर खून मिला। लेकिन पूर्व पदाधिकारी का बाईक और शव गायब था। इस दौरान तलाशी के क्रम में पुलिस भदुआपहाड़ी के उस चानक तक पहुंची। जहां 14 दिनों खंगालने के दौरान मृतक का बाईक 11 जूलाई चानक के भीतर से मिला था।
पूर्व एसपी सुरेन्द्र झा के निर्देश पर पूर्व एसडीपीओ जीतवाहन उरांव, मुफ्फसिल थाना प्रभारी रत्नेश मोहन ठाकुर और नगर थाना प्रभारी रामनारायण चाौधरी ने काफी प्रयास के बाद मृतक की हत्या के दो आरोपी पप्पू मरीक को जहां कोलकाता से दबोच कर लाएं। तो वहीं दुसरा आरोपी सोहेल शेख को यूपी अलीगढ़ से दबोच कर लाया गया था। इस दौरान दोनों आरोपियों ने सुरक्षा पदाधिकारी की हत्या कर खंता में शव को डालने का अपराध भी कबूला था। पूछताछ में ही दोनों ने कबूला कि सुरक्षा पदाधिकारी की हत्या का कारण अवैध कोयले को लेकर सोहेल शेख के पिता से वसूली करना था। उस वक्त पुलिस ने अलग-अलग दिनों में हत्यारों द्वारा इस्तेमाल चाकू में लगे खून के साथ जमीन पर पड़े खून और हड्डियों के साथ मृतक के जींस और रुमाल को एफएसएल जांच के लिए भेजा गया था। और मृतक के बेटे के डीएनएन से जांच के एक साल रिपोर्ट में स्पस्ट हुआ।