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बनवासी विकास आश्रम ने बाल विवाह, बाल तस्करी व बाल मजदूरी विषय पर किया चौपाल का आयोजन

  • जनअंादोलन से ही बाल विवाह, बाल तस्करी व बाल मजदूरी पर लगाया जा सकता है लगाम

गिरिडीह। बनवासी विकास आश्रम द्वारा कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन के सहयोग से पंचायत सचिवालय जरमुने पूर्वी में प्रखंड स्तरीय बाल विवाह, बाल तस्करी, बाल मजदूरी विषयक बाल चौपाल का आयोजन किया गया। बाल चौपाल की शुरूआत प्रखंड प्रमुख आशा राज, शंकर दयाल, मुखिया प्रमिला देवी, महेंद्र तिवारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। मुख्य अतिथि आशा राज ने कहा कि बाल विवाह एक कानूनी अपराध है जिसे जन आंदोलन के द्वारा तथा क़ानून का सख्ती से अनुपालन कर रोका जा सकता है। वहीं शंकर दयाल ने कहा कि कहीं भी बाल विवाह का केस पकड़ में आता है तो दो साल की सजा तथा एक लाख का जुर्माना का प्रावधान है।

मौके पर आश्रम के उत्तम कुमार ने कहा कि बाल विवाह भारत मुक्त बनाने में सभी का सहयोग बहुत जरूरी है, क्योंकि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की भारत में अपराध रिपोर्ट वर्ष 2021 के अनुसार भारत में रोजाना 3 बच्चों का बाल विवाह होता है। भारत में बाल विवाह की मौजूदा दर 23.3 प्रतिशत है और यूनीसेफ का अनुमान है कि अगर पिछले दस साल से हुई प्रगति जारी रही तो 2050 तक जाकर भारत में बाल विवाह की दर घटकर छह प्रतिशत पर आ जाएगी। कहा कि पूरे देश में बाल विवाह के मामले में झारखंड तीसरा तथा गिरिडीह जिला चौथे स्थान पर है।

बताया कि बनवासी विकास आश्रम द्वारा अभी तक 212 बच्चियों का बाल विवाह उनके माता-पिता से अंडरटेकिंग पर हस्ताक्षर कराकर रोका गया है तथा 4 एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही 2 लाख 11 हजार लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलवाया गया है। वहीं 4 बच्चियों को मानव तस्करी एवं 21 बच्चों को बाल मजदूरी से बचाया गया है। साथ ही 17 बाल यौन शौषण से पीड़ित बच्चियों को संस्था द्वारा कानूनी सहायता, काउंसलिंग एवं मेंटल हेल्थ की सहायता दी जा रही है।

कार्यक्रम में भागीरथी, यशोदा, सावित्री, रवी, राजकुमार, देवानन्द, राजनांदनी कुमारी, छोटू कुमार, ओम प्रकाश महतो, छाया कुमारी, सपना कुमारी, आयुष कुमार, संजीत कुमार, कुंदन कुमार, ज्योति कुमारी, सुमन कुमारी, भारती देवी की सराहनीय भूमिका रही। वहीं महेंद्र तिवारी के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

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