मुख्यमंत्री हेमंत पर संगीन आरोप पद से दें तुंरत इस्तीफाः बाबूलाल मंराडी
सीबीआई जांच की मांग करते हुए निर्दोष साबित होने तक सीएम पद से दुरी बनाएं रखने का दिया सुझाव मुख्यमंत्री
भाजपा नेता ने 2013 में मुंबई में हुई घटना को लेकर मुख्यमंत्री को घेरा
दुमकाः
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर एक संगीन आरोप लगा है। ऐसे में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर इस मामले की सीबीआई जांच करवाएं। भाजपा नेता मंराडी ने हेमंत सोरेन को यह भी सुझाव दिया कि जब तक वे निर्दोष साबित नहीं हो जाते तब तक उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहना नहीं चाहिए। इसे सीएम पद की छवि भी धूमिल हो रहा है। मंराडी शनिवार को दुमका परिसदन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
कहा कि सााल 2013 में हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री थे, तो वह मुम्बई गये थे। 5 सितंबर 2013 को वह ताज होटल के 21वें तल्ले पर ठहरे थे। उस दिन वहां एक लड़की के साथ बलात्कार होता है। फिर लड़की होटल से बाहर भागती है। उस समय महाराष्ट्र में कांग्रेस और केन्द्र में यूपीए की सरकार थी। झारखण्ड में भी कांग्रेस के समर्थन से सरकार चल रही थी। 21 अक्टूबर 2013 को बांद्रा मैट्रोपोलिटिन मजिस्टेट के यहां उस महिला ने भादवि की धारा 376/366/365/ 354/323/ 506/120बी और 34 के तहत हेमंत सोरेन और सुरेश नागरे के खिलाफ एक अर्जी दी थी। इसी मामले की के लिए मजिस्ट्रेट ने 25 नवम्बर 2013 की तिथि निर्धारित की थी। इसी बीच घटना में नाटकीय मोड़ आया। 23 अक्टूबर 2013 को महिला ने दोबारा मैट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रट के यहां एक अर्जी देकर मामले की उसी दिन सुनवायी का आग्रह किया। महिला ने अपने आवेदन में लिखा था कि वह शादी करनेवाली है। और घर बदलने वाली है इसलिए वह इस केश को आगे लड़ने की स्थिति में नहीं है। जबकि कोर्ट को दिए अर्जी में भी महिला ने घटना से इनकार नहीं किया। 23 अक्टूबर 2013 से यह मामला ठंढे बस्ते में रहा। 8 अगस्त 2020 को उस महिला का एक्सीडेंट हो जाता है। लड़की को लगता है कि कोई उसका पीछा करता है। 8 दिसम्बर 2020 को वह लड़की फिर बांद्रा मैट्रोपोलिटिन मजिस्टेट के यहां अर्जी लगाती है। महिला ने मुम्बई हाई कोर्ट में भी इस मामले में अर्जी देकर घटना की सीबीआई जांच करवाने और उसे सुरक्षा देने की गुहार लगायी है।
मरांडी ने बातचीत के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने कई मामलों में यह निर्णय दिया है कि संगीन अपराध को न सुलह किया जा सकता है। और न ही वापस लिया जा सकता है क्योंकि ऐसा हुआ तो प्रभावशाली और ताकतवर लोगों पर कभी कार्रवाई नहीं हो पायेगी। हेमंत सोरेन उस वक्त भी सीएम थे, और अब भी हैं। वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहे तो जांच को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए उन्हे पद से त्यागपत्र दे देना चाहिये और खुद इस मामले की सीबीआई जांच करवाने की अनुसंशा करनी चाहिये।
मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस मामले में जनता के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। क्योंकि आरोप बेहद गंभीर है। खुद सीएम को सामने आकर बताना चाहिये कि वह 2013 में मुम्बई गये थे, या नहीं और उस होटल में रूके थे। या नहीं क्योंकि वह मुख्यमंत्री थे। तो होटल में सभी का रिकार्ड होगा।