सद्भावना दिवस के रूप में किसान संघर्ष मोर्चा ने मनाया गाँधी जी का शहादत दिवस
- गाँधी जी के प्रतीमा के समक्ष रखा उपवास
- देश की आजादी के लिए गाँधी जी के योगदान को किया याद
कोडरमा। तीन कृषि कानून के खिलाफ देशभर में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में देशव्यापी आह्वान पर महात्मा गाँधी के 73वें शहादत दिवस को किसान संघर्ष मोर्चा ने सद्भावना दिवस के रूप में मनाया और तिलैया थाना के पास गाँधी जी के प्रतीमा के समक्ष सुबह 9 बजे से तीन बजे तक सामुहिक उपवास किया। सर्वप्रथम बापू की प्रतीमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रधांजलि दी। जहाँ महात्मा गाँधी अमर रहे, हिन्दु मुस्लिम सिक्ख ईसाई आपस में हैं भाई भाई, गाँधी हम शर्मिन्दा हैं तेरे कातिल जिन्दा है आदि नारे लगाए गए।
किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए भाजपा कर रही है साजिश
इस मौके पर मोर्चा के नेताओं ने कहा कि देश की आजादी के लिए गाँधी जी के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। अहिंसा के रास्ते पर चलने वाले बापू को आरएसएस से सम्बन्द्ध रखने वाले नाथुराम गोड्से ने गोली मारा था, देश का दुर्भाग्य है कि उसी विचारधारा के लोग आज देश की सत्ता पर काबिज है। किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए भाजपा के गुण्डों के द्वारा दिल्ली पुलिस के सहयोग से हिंसा फैलाने की साजिश की जा रही है और गाँधी के अहिंसावादी देश को बदनाम किया जा रहा है। मोदी सरकार तीनों काला कृषि कानूनों को वापस ले नहीं तो कानून वापसी तक किसानों का संघर्ष जारी रहेगा।
कार्यक्रम में सीटू राज्य कमिटी सदस्य संजय पासवान, झारखण्ड राज्य किसान सभा के असीम सरकार, सिविल सोसाइटी के उदय द्विवेदी, चरणजीत सिहं, आप के दामोदर यादव, एआईकेएस के अर्जुन यादव, निर्माण मजदूर यूनियन के प्रेम प्रकाश, ईश्वरी राणा, नागेश्वर राम, रामचन्द्र राम, अशोक यादव, अर्जुन सिहं, संजय वर्मा, शमीम खान, शम्भु पासवान आदि शामिल थे।