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किसान आंदोलन के साथ आंगनबाड़ी कर्मियों ने किया एकजुटता का प्रदर्शन

बकाया मानदेय, पोषाहार राशि भुगतान के लिए उठी आवाज

कोडरमा। ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ आंगनबाड़ी वर्कर्स एन्ड हेल्फर्स (आइफा) के देशव्यापी आह्वान पर देशभर में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में मजदूर विरोधी 4 लेबर कोड के खिलाफ झारखण्ड राज्य आंगनबाड़ी सेविका सहायिका पोषण सखी संघ (सीटू) के बैनर तले समाहरणालय के समक्ष आंगनबाड़ी सेविका सहायिका पोषण सखी ने किया एकजुटता का प्रदर्शन किया। इससे पूर्व दुर्गा मंडप कोडरमा बाजार से एक विशाल जुलुस निकाला गया जो रांची पटना रोड होते हुए समाहरणालय पहुंचकर प्रदर्शन व सभा में तब्दील हो गया। जुलुस में किसान विरोधी काला कानून वापस लो, मजदूर विरोधी लेबर कोड कानून रद्द करो, सामान काम का सामान वेतन देना होगा, न्यूनतम 21 हजार वेतन देना होगा, हेमंत सरकार मानदेय बढ़ाने का अपना वादा पूरा करो, पोषण सखी को अतिरिक्त सेविका का दर्जा दो आदि नारे लगाये जा रहे थे।

बेरोजगारों की फौज खड़ा कर रही है सरकार: संजय पासवान

जिलाध्यक्ष शोभा प्रसाद व जिला सचिव वर्षा रानी के संचालन मे हुई सभा को सीटू राज्य कमिटी सदस्य संजय पासवान, आंगनबाड़ी संघ की प्रदेश अध्यक्ष मीरा देवी, संयुक्त सचिव पूर्णिमा राय, शकुंतला मेहता, रश्मी कुमारी, विमला देवी, सरस्वती देवी, बेबी देवी, मंजू मेहता, कविता यादव, चिंतामणि देवी, उर्मिला देवी आदि ने सम्बोधित किया। सभा को सम्बोधित करते हुए सीटू नेता संजय पासवान ने कहा कि कोरोना संकट का फायदा उठाते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने किसान व मजदूर विरोधी कानूनों को पास करा लिया, लाखों सरकारी नौकरी देने वाली सार्वजनिक सम्पतियों रेलवे, बैंक, बीमा, कोयला, पेट्रोलियम आदि संस्थाओं को बेचकर देश के नौजवानों, किसान मजदूरों पर हमला कर रही है और बेरोजगारों की फौज खड़ा कर रही है। जिसके खिलाफ आम जन को सड़क पर उतरना होगा।

उपायुक्त को सोंपा ज्ञापन


प्रदर्शन के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम व स्थानीय मांगो को लेकर उपायुक्त को अलग अलग ज्ञापन सौपा गया। जिसके माध्यम से 45वें और 46वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू किए जाने जिसके अंतर्गत स्थायीकरण करने, 21 हजार रुपये तक न्यूनतम वेतन देने, दस हजार रुपये तक पेंशन सहित सभी सामाजिक सुरक्षा का लाभ देने, आईसीडीएस का निजीकरण नहीं करने, स्कूलों में प्री स्कूल या नर्सरी नहीं खोलने, मजदूर विरोधी लेबर कोड और किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने, राज्य सरकार द्वारा मानदेय बढ़ाने, पोषण सखी को स्थाई अतिरिक्त सेविका बनाने की मांगो के अलावा, जिले मे चार माह से पोषाहार राशि बकाया का भुगतान करने, छः माह से बकाया चावल आवंटित करने, वित्तीय वर्ष 2016-17 मे चार माह का बकाया मानदेय का भुगतान करने, बीएलओ को प्रोत्साहन भत्ता का भुगतान करने, एसटी व एससी आंगनबाडी केंद्रों का वर्ष 2011-12 का चार माह का बकाया पोषाहार राशि का भुगतान करने आदि की मांगे शामिल है।

प्रदर्शन में थी शामिल

प्रदर्शन में कुमारी अनामिका, गौरी देवी, संध्या वर्णवाल, गीता देवी, दीपा कुमारी, रीना देवी, संध्या कुमारी, प्रभा देवी, रानी कुमारी, रेखा कुमारी, रीता देवी, आरती देवी, तरन्नुम हाशमी, रीता पाण्डेय, रामदुलारी, पुनम देवी, उषा देवी, राखी रजक, कुंती देवी, अनीता देवी, कांति देवी, देवंती देवी, किरण देवी, कविता सिंह, पिंकी कुमारी, राखी सिंह, सुवंती कुमारी, संजू देवी, उर्मिला देवी, सुनीता सिंह, कैलाश पासवान, मुन्ना रजक सहित भारी संख्या में सेविका सहायिका पोषण सखी मौजूद थी।

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