कृषि कानून के खिलाफ़ मनाया कृषि बचाओ लोकतंत्र बचाओ दिवस
कोडरमा। तीन कृषि कानून के खिलाफ़ देशव्यापी आह्वान पर शनिवार को किसान संघर्ष मोर्चा के बैनर तले झुमरीतिलैया में कला मंदिर के समक्ष कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उदय द्विवेदी ने की। इस दौरान तीनों कृषि कानूनों की वापसी व अघोषित इमरजेंसी के तहत लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमले बंद करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। मोर्चा के सदस्य अपने हाथों में स्लोगन लिखे पोस्टर के साथ मांगों के समर्थन में नारे लगा रहे थे।
आपातकाल से भी बुरे दौर से गुजर रहा देश
मौके पर वक्ताओं ने कहा कि आपातकाल यानी भारतीय लोकतंत्र का एक बेहद स्याह और शर्मनाक अध्याय के पूरे 46 बरस हो गए। जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल लागू कर समूचे देश को कैदखाने में तब्दील कर दिया था। सेंसरशिप लागू कर अखबारों की आजादी का गला घोंट दिया गया था। संसद, न्यायपालिका, कार्यपालिका आदि सभी संवैधानिक संस्थाओं को गुलाम बना लिया था। इस तानाशाही के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से ऐतिहासिक बगावत कर जनता ने देश को आपातकाल के अभिशाप से मुक्त कराया था। आज देश के राजनीतिक और संवैधानिक संस्थाओं के मौजूदा स्वरूप और उनके चाल-चलन आपातकाल से भी कहीं ज्यादा बुरे दौर से गुजर रहे हैं। ऐतिहासिक किसान आंदोलन को भी 7 महीने पूरे होने जा रहे हैं। संसद की परंपरा को धता बताकर राज्य सभा में वोटिंग करवाए बिना तीन कृषि कानून को पास करा लिया गया। वक्ताओं ने कहा कि आंदोलन के जरिये कृषि कानून की वापसी के साथ मजदूर विरोधी लेबर कोड संहिता वापस लेने, महंगाई पर रोक लगाने, पेट्रोल, डीजल, सरसों तेल सहित खाद्य सामग्री व अत्यावश्यक वस्तुओं में मुल्य वृद्धि वापस लेने, आयकर से बाहर सभी परिवारों को 75 सौ रुपए देने, किसानों को धान का बकाया राशि का जल्द भुगतान की मांग की जा रही है।
ये थे उपस्थित
प्रदर्शन में भाकपा नेता व जिप सदस्य महादेव राम, सीपीआई के जिलामंत्री प्रकाश रजक, सीपीएम नेता संजय पासवान, आम आदमी पार्टी के नेता दामोदर यादव, बीएसपी के जिलाध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर, माले के चरणजीत सिंह, शम्भु पासवान, नागेश्वर प्रसाद, अर्जुन यादव, सीटू के दिनेश रविदास, शिवपुजन पासवान, अशोक रजक, बंशी दास, रामचन्द्र यादव, सकिंद्र कुमार, राजेन्द्र भुइयां, ज़ालिम भुइयां, अर्जुन सिंह, प्रकाश तिवारी, संजय वर्मा सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।