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आखिर कौन लोग है वो जो गिरिडीह में कोरोना संक्रमण से होने वाले मौत पर शहर में फैला रहे भ्रम का माहौल

संक्रमण से हुए तीन मौत के बाद तीनों के अंतिम संस्कार में जुटे रिश्तेदार

एसआईटी के निदेशक और युवा मंच के सहयोग से मिला लकड़ी का स्टाॅक

युवा मंच के पदाधिकारी ने कहा कि लकड़ी की नहीं है कोई कमी

गिरिडीहः
कोरोना संक्रमण के चैन को तोड़ने के लिए हर स्तर पर युद्धस्तर पर प्रयास चल रहे है। तो दुसरी तरफ संक्रमण से होने वाले मौत और संक्रमितों के अंतिम संस्कार को लेकर गिरिडीह में भय का माहौल पैदा करने का भी प्रयास किया गया। जबकि हकीकत इसे उल्ट है। क्योंकि दो संक्रमितों के अंतिम संस्कार में सहयोग कर चुके शहर के युवा रामजी यादव और राॅकी शर्मा भी यही मानते है कि ना तो शहर के बरमसिया के मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के लिए कोई लकड़ी की ही कमी है। और ना ही किसी संक्रमित के अंतिम संस्कार से उनके रिश्तेदार ही दूर भाग रहे है। जबकि मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के लिए आने वाले शव की संख्या संक्रमितों के शव से अधिक ही बताएं जा रहे है। जानकारी के अनुसार मुक्तिधाम में अब तक तीन संक्रमितों का ही अंतिम संस्कार किया गया। हालांकि शनिवार को भी चाौथे संक्रमित का शव मुक्तिधाम के समीप मुहल्ला बजरंग चाौक स्थित विवेकानंद काॅलोनी से एक 51 वर्षीय व्यक्ति का पहुंचा। जानकारी के अनुसार विवेकानंद काॅलोनी के इस संक्रमित की मौत शनिवार को धनबाद में इलाज के दौरान हुआ। इस दौरान शनिवार को ही जब उसका शव पहुंचा। तो उसके रिश्तेदार ही कोरोना प्रोटोकाॅल के तहत स्वास्थ विभाग के सहयोग से शव लेकर मुक्तिधाम पहुंचे। जहां अंतिम संस्कार की प्रकिया की जा रही थी। जबकि इसे पहले मुक्तिधाम में कोरोना संक्रमित बीबीसी रोड के एक युवक के अलावे अलकापुरी के बीमा कर्मचारी और शहर के अधिवक्ता मुकेश सिन्हा के शव का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकाॅल के तहत किया गया। यही नही अफवाह यहां तक उड़ाया गया कि मुक्तिधाम में लकड़ी की किल्लत हो चुकी है। जबकि शनिवार की सुबह ही मारवाड़ी युवा मंच के राकेश मोदी और सुभाष इन्स्टीच्यूट टेक्नोलाॅजी के निदेशक विजय सिंह के अपील पर सदर एसडीएम ने तीन ट्रैक्टर लकड़ी उपलब्ध कराया। तो युवा मंच ने 18 हजार का भुगतान कर एक ट्रक लकड़ी वन विभाग से मांगा। लिहाजा, ऐसे में समझा जा सकता है कि कोरोना संक्रमण के कारण होने वाले मौत और समान्य मौतों को लेकर जानबूझ कर माहौल को भयनुमा बनाया जा रहा है। लेकिन वो कौन लोग है यह सच्चाई भी सामने आना अब जरुरी हो चुका है।

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