35 साल के युवा सर्जन डा. नीरज डोकानिया ने गिरिडीह के विश्वनाथ नर्सिंग होम में किया घुटना और कुल्हे का प्रत्यारोपण
गिरिडीहः
नर्सिंग होम में अपनी सेवा दे रहे गिरिडीह के कई युवा सर्जन हर रोज चिकित्सा के क्षेत्र में सफलता के नए आयाम गढ़ रहे है। इसका ताजा बानगी शहर के विश्वनाथ नर्सिंग होम बना। जहां 36 साल के युवा सर्जन डा. नीरज डोकानिया ने इसी नर्सिंग होम के चिकित्सक डा. क्वासिड रजा और स्वास्थ कर्मियों के सहयोग से घुटने और कुल्हे का प्रत्यारोपण शुक्रवार को चार घंटे के ऑपरेशन के दौरान किया। लेकिन गिरिडीह के लिए यह पहला मौका रहा, जब किसी मरीज का घुटना और कुल्हे का प्रत्यारोपण किया गया। जबकि इस बीमारी से पीड़ित मरीज कुछ दिनों पहले ही कोलकाता से इलाज कराकर लौटा था। कोलकाता में इलाज के क्रम में उसे बताया गया कि कुल्हा और घुटने के प्रत्यारोपण में काफी अधिक खर्च आएगा। क्योंकि दोनों का प्रत्यारोपण काफी जटिल है।
लिहाजा, अपने इस परेशानी को जब मरीज ने विश्वनाथ नर्सिंग होम के युवा सर्जन डा. नीरज डोकानिया को बताया। तो डा. डोकानिया ने पहले इस मरीज का जांच किया। जांच के क्रम में सर्जन डा. डोकानिया ने मरीज को भरोषा दिलाया कि उन्हें कहीं जाने की जरुरत नहीं। बल्कि आयुष्मान भारत योजना से उनके कुल्हे और घुटने का प्रत्यारोपण यही संभव है। लेकिन उन्हें हिम्मत रखना होगा, क्योंकि ऑपरेशन जटिल है। ऐसे में बगैर हिम्मत के ऑपरेशन भी संभव नहीं। सर्जन से मिले भरोषे के बाद मरीज भी प्रत्यारोपण कराने के लिए तैयार हुआ। और शुक्रवार को डा. रजा और स्वास्थ कर्मियों के सहयोग से करीब चार घंटे के ऑपरेशन के बाद मरीज के दोनों अंगो का प्रत्यारोपण किया गया।