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जल जीवन मिशन के तहत हुआ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

  • जल संरक्षण से ही लोगों को शुद्ध जल मिल सकेगाः डॉ नीरा यादव
  • प्रखंड स्तर पर इस योजना को लेकर हर 15 दिन पर समीक्षा करेंगे: डीडीसी

कोडरमा। पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल झुमरीतिलैया द्वारा श्रम कल्याण सभागार में जल जीवन मिशन के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक डॉ नीरा यादव शामिल हुईं। कार्यक्रम का उद्घाटन विधायक डॉ नीरा यादव, जिला परिषद् अध्यक्ष रामधन यादव, उपविकास आयुक्त लोकेश मिश्रा, अनुमंडल पदाधिकारी मनीष कुमार व अन्य अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर की गई।

विधायक डॉ नीरा यादव ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि सभी जल स्रोतों को मानव के द्वारा दूषित किया जा रहा है। हमारे पूर्वज नदियों से जल निकालते थे, हम लोगों ने कुआं एवं तालाब देखें हैं, हमारे बच्चे नल से जल प्राप्त कर रहे हैं और आने वाली पीढ़ियों को हम क्या देंगे यह सोचने की बात है। उन्होंने बताया कि सभी जल स्रोतों के पास सोकपिट, वर्षा जल संचय के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण अनिवार्य कर दिया जाए। साथ ही हर घर शुद्ध जल पहुंचाने का केंद्र सरकार का प्रयास है और इसकी रूपरेखा तैयार की गई है। कहा कि कोडरमा जिला में भी कार्य चल रहा है। सभी जनप्रतिनिधि व आमजन मिलकर कोशिश करेंगे कि कैसे जल संरक्षण हो सकेंगे। जल संरक्षण से ही लोगों को शुद्ध जल मिल सकेगा।

वहीं जिला परिषद अध्यक्ष रामधन यादव ने कहा कि सभी मिलकर सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं को धरातल में उतारने का कार्य करें। हर घर जल नल से जल योजना का हर ग्रामीण को लाभ मिले यह हमारा उद्देश्य होना चाहिए। इस तरह का कार्यशाला प्रखंड स्तर पर भी किया जाना चाहिए।

उप विकास आयुक्त लोकेश मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन में अन्य जिलों की अपेक्षा प्रगति ठीक है। जल जीवन मिशन के लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए सभी विभागों का समन्वय अनिवार्य है। कोडरमा जिला में 2 डैम हैं इससे भी समय पर जलापूर्ति नहीं कर पाए तो यह सही नहीं है। इसलिए सभी को मिलकर कार्य करना है। प्रखंड में इस तरह का कार्यशाला आयोजन किया जाए। प्रखंड स्तर पर इस योजना को लेकर हर 15 दिन पर समीक्षा करेंगे। जो भी योजना बन रहा है, उसका रखरखाव की जिम्मेदारी ग्राम जल स्वच्छता समिति को दिया जाए। वहीं अनुमंडल पदाधिकारी मनीष कुमार ने कहा कि सभी मुखिया, जल सहिया अपने-अपने प्रखंड में जल चौपाल का आयोजन करें एवं वहां तीन प्रमुख बातों पर विशेष रूप से चर्चा करें। व्यवहार परिवर्तन कराएं कि जल संरक्षण कैसे करना है।

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