पीएम की अध्यक्षता में हो रही नीति आयोग की बैठक में नहीं पहुंचेंगी ममता!
कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को होने वाली नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हो सकती हैं। माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ममता कोई भी ऐसा संदेश नहीं देना चाहती हैं कि वह भाजपा सरकार की विरोधी नहीं हैं। यह परिषद सरकार के थिंक टैंक की शीर्ष संस्था है। सभी मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपाल, कई केंद्रीय मंत्री और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी इसके सदस्य हैं।
एक आधिकारिक सूचना के मुताबिक, शनिवार को होने वाली परिषद की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करेंगे। इसमें कृषि, अवसंरचना, निर्माण तथा मानव संसाधन विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक में संभवत: शामिल नहीं होंगी। इससे पहले भी ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठकों को ‘निरर्थक’ बताते हुए उनमें शामिल नहीं हुई हैं। उनका कहना है कि इस संस्था के पास कोई ‘वित्तीय शक्तियां’ नहीं हैं और यह राज्य की योजनाओं में कोई मदद नहीं दे सकती है।
उल्लेखनीय है कि पिछले महीने जब पीएम नरेंद्र मोदी कोलकाता में थे और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान जय श्रीराम के नारे से क्षुब्ध हो कर सुश्री बनर्जी ने पीएम के सामने ही अपना विरोध जता दिया था। इस बैठक के दो दिन बाद ही पीएम मोदी बंगाल आ रहे हैं। एक सरकारी कार्यक्रम में पीएम के साथ ममता भी आमंत्रित हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल दौरे के बाद किसी भी दिन विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो सकता है और उसके तुरंत बाद केंद्रीय बलों को सूबे में भेजा जा सकता है।
सूत्रों की मानें तो 23 से 25 फरवरी के बीच चुनाव की घोषणा हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 फरवरी को बंगाल आएंगे। वह दक्षिणेश्वर-नोआपाड़ा मेट्रो परियोजना का उद्घाटन करेंगे। उसी दिन हुगली जिले के डनलप कारखाना मैदान में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान बंगाल में 747 कंपनियों की तैनाती की गई थी। इसी तरह बंगाल में 2016 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय बल की 40 कंपनियां आई थीं, जबकि पूरे विधानसभा चुनाव के दौरान 720 कंपनियों को तैनात किया गया था।