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किसान आंदोलन के समर्थन में 18 को हिरोडीह में होगा रेल चक्का जाम

किसान संघर्ष मोर्चा की बैठक में लिया गया निर्णय

कोडरमा। किसान विरोधी कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर तीन माह से चल रहे देशव्यापी किसान आंदोलन की अगली कड़ी में 18 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी रेल चक्का जाम के आह्वान पर कोडरमा जिला में हिरोडीह रेलवे स्टेशन पर रेल रोको कार्यक्रम किया जाएगा। यह निर्णय गांधी स्कूल रोड मे सिविल सोसाइटी के संयोजक उदय द्विवेदी की अध्यक्षता में हुई किसान संघर्ष मोर्चा की बैठक में लिया गया।

वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार भारत में लोकतंत्र को खत्म करने, आत्म निर्भरता के नाम पर देश की अर्थव्यवस्था का भट्टा बैठाने में व्यस्त है। कोरोना महामारी का लाभ उठाकर केंद्र की मोदी सरकार ने संसद में बिना समुचित बहस कराए और बिना वोटिंग के देश के मेहनतकशों के अधिकारों पर बंदिश लगाने और खेती किसानी को कॉरपोरेट का गुलाम बनाने का कानून पारित करा लिया। कहा कि देश की आजादी के बाद हो रहे व्यापक किसान आंदोलन को मोदी सरकार आतंकवादी, खालिस्तानी, विदेशी और राष्ट्र विरोधी कहकर बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। जबकि हमारे देश के अन्नदाता आज 82 दिनों से दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं और किसानों के आंदोलन का दायरा पूरे देश में तेजी से बढता जा रहा है, जो इस बात का सबुत है, कि मोदी सरकार की जन विरोधी नीतियों से किसानों, मजदूरों का असंतोष बढ़ रहा है। यही असंतोष मोदी सरकार के लिए कब्र खोदेगा।

नेताओं ने बताया कि रेल रोको कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा। बैठक में कम्युनिस्ट नेता व जिप सदस्य महादेव राम, सीपीआई के जिलामंत्री प्रकाश रजक, माले के चरणजीत सिंह, आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ0 संतोष मानव, दामोदर यादव, बीएसपी के जिलाध्यक्ष प्रकाश अम्बेडकर, निर्माण मजदूर यूनियन के संयोजक प्रेम प्रकाश, सामाजिक कार्यकर्ता अशोक वर्मा, सीपीएम नेता संजय पासवान, प्रकाश यादव, सुनील मेहरा, सुजीत कुमार सिन्हा, अर्जुन सिंह, सहदेव दास आदि उपस्थित थे।

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