हरिचक में मनाया गया महिला संगठन ऐपवा का 27 वां स्थापना दिवस
- एसएचजी की ऋण माफी को लेकर हुआ कन्वेंशन
- ऐपवा ने की महिला ग्रुप के सभी तरह के लोन माफ करने की मांग
गिरिडीह। समानता, सम्मान और नारी मुक्ति के आह्वान के साथ शुक्रवार को अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) का 27वां स्थापना दिवस एक कन्वेंशन के साथ पचंबा के हरिचक में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दिवंगत तथा आंदोलन के दौरान शहीद महिला साथियों को याद करते हुए खगिया देवी ने झंडोत्तोलन किया। इस क्रम में सबों ने दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता ऐपवा नेत्री कौशल्या दास तथा संचालन रेणु रवानी ने किया। वहीं मुख्य रूप से जयंती चैधरी, पूनम महतो, सरिता महतो, मीना दास, सरिता साव, प्रीति भास्कर सहित अन्य नेत्री ने कार्यक्रम को संबोधित किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ऐपवा की महिला नेत्रियों ने एक तरफ जहां महिलाओं के अधिकार, सुरक्षा और सम्मान के सवाल पर जोर देने की अपील की, वहीं पुरुष सत्तात्मक समाज में अपना संपूर्ण अधिकार लेने के लिए महिला संगठन को मजबूत की आवश्यकता बताई। कहा कि, महिलाओं को मौजूदा शोषण आधारित वयवस्था में अलग से भी शोषण का शिकार होना पड़ता है। बात हुई कि, चुनाव में महिलाओं का वोट हासिल करने के लिए महिला ग्रुपों का खूब इस्तेमाल किया गया। लेकिन आज लॉकडाउन जैसी परिस्थिति झेलने के बावजूद जहां सरकार ने बड़े-बड़े काॅरपोरेट घरानों को आर्थिक पैकेजों की सौगात दी, लेकिन महिला ग्रुपों का ऋण माफ करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। कहा कि आज गरीब परिवारों पर बिजली का बिल भी हजारों रुपए बकाया हो गया है इसे भी माफ करने की जरूरत है। झारखंड की मौजूदा सरकार ने चुनाव में इसकी घोषणा भी की थी।
कार्यक्रम के दौरान यह ऐलान किया गया कि आगामी 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर बड़े स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। वहीं मौजूदा विधानसभा सत्र के दौरान 15 मार्च को महिला ग्रुपों की ऋण माफी सहित अन्य सवालों को लेकर झारखंड विधानसभा का घेराव भी किया जाएगा।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से गीता देवी, खगिया देवी, प्रीति भास्कर, उर्मिला देवी, मुनिया देवी, छुनकी देवी, गेनशी देवी, तारा देवी, कौशल्या देवी, हेमंती देवी, बॉबी देवी, किरण देवी, शबनम परवीन, उर्मिला देवी, चांदनी परवीन, सोनी देवी, गुड़िया देवी समेत बड़ी तादाद में महिलाएं मौजूद थी।