किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ किसान जागृति अभियान जारी
नये कृषि कानून से किसानों की लूट और महगाई बढ़ेगी
कोडरमा। मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ देशभर में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन मे देशव्यापी देश जागृति अभियान के तहत किसान संघर्ष मोर्चा के बैनर तले जिला मंे चल रहे किसान जागरण जत्था के तीसरे दिन शनिवार को कोडरमा प्रखण्ड के अनंतडीह, जयनगर प्रखण्ड के परसाबाद, पिपचो और हीरोडीह बाजार में नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया। नुक्कड़ सभा के माध्यम से केंद्र सरकार की किसान व जनविरोधी नीतियों पर आम लोगों को समझाने का प्रयास किया गया। विभिन्न जगह हुई सभाओं को जिप सदस्य महादेव राम, सीटू नेता संजय पासवान, सिविल सोसायटी के उदय द्विवेदी, युवा नेता सईद नसीम, दामोदर यादव, प्रकाश अम्बेडकर, अखिल भारतीय किसान सभा के प्रकाश रजक, अर्जुन यादव, एटक नेत्री सोनिया देवी, मजदूर नेता प्रेम प्रकाश, राजेन्द्र यादव आदि ने सम्बोधित किया।
किसानों के कल्याण के लिए नहीं बल्कि कम्पनियों के लिए है कृषि कानून
वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार की तीनों काला कानून किसानों के कल्याण के लिए नहीं बल्कि देशी विदेशी कम्पनियों को खेती मंे प्रभुत्व स्थापित करने के लिए लाये गये हैं। इन कानूनों के जरिये पूंजीपतियों को सरकारी मंडियों के बाहर मनमाने दामों पर कृषि उत्पादों को खरीद करने, असीमित भन्डारण करने एवं बेतहाशा मुनाफा कमाने की छूट दी गई है। इससे आम उपभोक्ता को लूटा जाएगा और महगांई बढ़ेगी। वक्ताओं ने कहा कि अमेरिका में विगत समय से लागू की गई ठेका खेती की तरह भारत में भी इन नीतियों को लागू करने से अधिकांश किसान खेती छोड़ने को मजबूर हो जाएगा। सरकार की नियत व नीति दोनों साफ नहीं है, इसलिए किसानों की जायज मांगों को मानने में टालमटोल कर रही है। जबकि किसान अपने वजूद को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। लाखों किसान दिल्ली के बाॅर्डर पर दिल्ली को घेरकर बैठे हुए हैं और आगामी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में एक लाख ट्रैक्टरों के साथ परेड करेगें। किसानों ने आह्वान किया कि मर जायेंगे लेकिन घर वापस नहीं और काला कानून वापस होने तक किसानों का संघर्ष जारी रहेगा।