सदर अस्पताल के आउटसोर्सिंग कर्मी हड़ताल के आठवे दिन से भूख हड़ताल पर
विभिन्न मांगों को लेकर आठ दिनों से हड़ताल पर डटे है कर्मी
कोडरमा। सदर अस्पताल परिसर में अस्पताल के आउटसोर्सिंग कर्मचारी सफाईकर्मी, टेक्निशियन व ड्राइवर लंबित मानदेय भुगतान करने और इपीएफ घोटाला की जाँच करने की मांग पर 21 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे हुए है। हड़ताल के आठवें दिन अस्पताल प्रशासन के द्वारा मांगों की अनदेखी करने के खिलाफ आउटसोर्सिंग कर्मियों ने क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दिया है। पहले दिन दस सफाई व टेक्निशियन कर्मचारी भूख हड़ताल पर रहे। जिसमंे धीरज तिवारी, अमन कुमार वर्मा, अवनीश आर्यन, सौरभ कुमार, बिनोद कुमार, शांति देवी, सुमा देवी, मंजू देवी, रीता देवी, प्रेमलता देवी शामिल हैं। वहीं दूसरे दिन दस अन्य कर्मचारी भूख हड़ताल पर रहेंगे।
बकाया मानदेय का भुगतान सहित कई मांगे है शामिल
ज्ञात हों कि बकाया मानदेय भुगतान करने, राज्य सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी के तहत नियमित मानदेय देने, कर्मचारी भविष्यनिधि के तहत ईपीएफ राशि मे किये जा रहे गबन की जाँच कर सभी कर्मियों का ईपीएफ का समुचित बकाया राशि का भुगतान करने की मांगों पर आठ दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इससे पूर्व एकदिवसीय धरना भी दिया गया था, लेकिन अस्पताल प्रशासन के द्वारा इनकी मांगो को तरजीह नहीं दिया जा रहा है।
हड़ताल से चरमराई अस्पताल की व्यवस्था
हड़ताल के कारण पूरे सदर अस्पताल में व्यवस्था चरमरा गया है। आठ दिन से सफाई नहीं होने के कारण मरीजों के वार्डो के शौचालयों में गंदगी के कारण चारों तरफ बदबू फैल रहा है। जिससे गर्भवती महिलाओं, नवजात बच्चों और अन्य मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। चारों तरफ गंदगी का अम्बार हो गया है। सीरियस मरीज को इमरजेंसी तक ले जाने के लिए ट्राॅली मैन नहीं मिल रहे हैं, परिजन को खुद ले जाना पड़ रहा है और समय पर इलाज नहीं होने के कारण मरीज मर रहे हैं। हड़ताल से आपातकालीन व्यवस्था, आॅटी, दवा वितरण, बिजली व्यवस्था, रसोई और मरीजों का पंजीयन आदि पर बुरा प्रभाव पड़ा है, आम आदमी को काफी परेशानी हो रही है। इसके बावजूद सिविल सर्जन और अस्पताल प्रशासन पर कोई असर नहीं हो रहा है और न ही जिला प्रशासन का ध्यान इस ओर जा रहा है। आउटसोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने चेतावनी दिया है कि अगर दो दिन के अंदर मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार नहीं हुआ, तो वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल को मजबूर हो जायेंगे और कोई अप्रिय घटना होने पर सीधे तौर पर सिविल सर्जन जिम्मेवार होगी।
भूख हड़ताल और धरना में शामिल है
भूख हड़ताल व धरना का नेतृत्व रंजीत राम ने किया। हड़ताल के समर्थन मे सीटू राज्य कमिटी सदस्य संजय पासवान, मजदूर कर्मचारी समन्वय समिति के जिला सचिव दिनेश रविदास, निर्माण मजदूर यूनियन के नेता प्रेम प्रकाश, हाईकोर्ट के अधिवक्ता और पूर्व कर्मचारी नेता शैलेन्द्र कुमार सिन्हा ने कर्मियों को सम्बोधित करते हुए मांगों के साथ एकजुटता जाहिर किया. धरना मे नरेन्द्र कुमार रजक, मुन्ना कुमार, जगदीश शर्मा, संतोष कुमार साव, मदन कुमार मेहता, रितेश कुमार, ऋतिक कुमार, विकास कुमार, सोनू कुमार, अर्जुन कुमार, सुशील कुमार, मुकेश कुमार, पप्पु कुमार दास, आयुष कुमार, सिकंदर कुमार रजक, उमा शंकर, लखन यादव, विशाल गौरव, मोव शहंशाह हुसैन, भीम पासवान, सुजीत गोस्वामी, किशन कुमार, राजू कुमार दास, मिथलेश मिश्रा, रोहित कुमार रजक, अरविन्द यादव, हीरालाल, इंद्रदेव पाण्डेय, राहुल कुमार, मुकेश राणा, मोतीलाल दास, विनीता कुमारी, गुड़िया देवी, रेखा देवी, सुधा देवी, सारो देवी, सुल्तानी खातून, सोनी कुमारी, ललिता देवी, रीता देवी, आरती देवी, सोनू देवी, सुजाता देवी, राधा देवी, रम्भा देवी, सलमा प्रवीण, बबिता देवी, सूफी प्रवीण, आरती देवी, स्वीटी कुमारी, सुनीता देवी, सबीना खातून, कुमारी प्रेमलता, शीला कुमारी, कुसुम देवी, प्रतिमा कुमारी आदि शामिल थे।