अब गूंज सकेगें विवाह के शहनाई की गूंज, गिरिडीह में बाराती निकालने पर रहेगी पांबदी
कोरोना के वैक्सीन के लिए फ्रंट लाईन पर कार्य कर रहे पांच हजार लोगों की सूची भेजा स्वास्थ विभाग ने
खुले स्थानों पर दो सौ लोग, तो बंद स्थानों पर क्षमता के अनुसार 50 फीसदी ही शामिल होगे शादी सम्मेलन में
देवउठानी एकादशी के साथ अगले 30 नवंबर तक शादी के शुभ मुर्हुत
मनोज कुमार पिंटूः गिरिडीहः
देवउठानी एकादशी और तुलसी विवाह के साथ बुधवार से विवाह के शहनाई की गूंज सुनने को मिलेगी। कोरोना के कारण करीब नौ माह के लाॅकडाउन और अनलाॅक की प्रकिया के बाद शहनाई की गूंज लोग सुन सकेेगें। एक तरफ कोरोना के वैक्सीन की प्रतीक्षा हर एक आम व खास कर रहा है। तो दुसरी तरफ गिरिडीह स्वास्थ विभाग ने डीसी राहुल सिन्हा के निर्देश पर पांच हजार से अधिक लोगों की सूची राज्य स्वास्थ मंत्रालय को भेज दिया है। जो फ्रंट लाईन पर रहकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे है। सिविल सर्जन डा. सिद्धार्थ सन्याॅल के अनुसार स्वास्थ विभाग ने जिन पांच हजार लोगों की सूची भेजा है। उसमें जिले के सरकारी और प्राईवेट प्रेक्टिस करने वाले चिकित्सक, एएनएम, सहिया, स्वास्थ कर्मी, शामिल है। बहरहाल, कोरोना के वैक्सिन की प्रतीक्षा हर कोई बड़े ब्रेसबी के साथ कर रहा है। तो दुसरी तरफ देवउठानी एकादशी के आगमन के साथ ही बुधवार से अगले 30 नवंबर तक शादी के कई शुभ मुर्हुत है। शहर के बरमसिया के जयप्रकाश नगर स्थित पुजारी संजय मिश्रा की मानें तो बुधवार से शादी का शुभ मुर्हुत शुरु है। अब शादी के लग्न शुरु होगें। तो मौज-मस्ती होना लाजिमी है। लेकिन ठहरिए, कोरोना के कारण गृह मंत्रालय के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन ने भीड़-भाड़ के साथ शादी के मौज-मस्ती पर रोक लगाएं हुए है।
हालांकि राहत की बात यह भी है कि शादियों के लिए किसी सरकारी अनुमति की जरुरत नहीं पड़ेगी। लेकिन पूर्व में जारी निर्देश के अनुसार गृह मंत्रालय ने प्रशासन को एक नवंबर से धार्मिक आयोजनों के साथ वैवाहिक कार्यक्रमों के आयोजन को हाॅट स्पाॅट और कंटेनमेंट जोन से बाहर एक नवंबर से किए जाने की अनुमति पहले ही गृह मंत्रालय जारी कर चुका है। राहत की बात यह भी है कि गिरिडीह जिले में फिलहाल एक भी हाॅट स्पाॅट और कंटेनमेंट जोन नहीं है। लिहाजा, वैवाहिक आयोजन तो लोग कर सकते है। लेकिन कुछ पांबदियों के साथ। डीसी राहुल सिन्हा की मानें तो खुले स्थानों में क्षमता के साथ दो सौ लोग वैवाहिक सम्मेलन में हिस्सा ले सकते है। जबकि बंद स्थानों पर ऐसे आयोजनों पर क्षमता के साथ महज 50 फीसदी लोगों के शामिल होने की अनुमति होगी। जबकि बाराती निकालने और धार्मिक आयोजनों के लिए जुलूस और रैली पर पहले की तरह पांबदी लगे होने की बात डीसी द्वारा कहा गया है।