गिरिडीह के जिस गांव में खाट पर एबूलेंस तक पहुंचाई गई थी आदिवासी गर्भवती, उस गांव के हालात देखने पहुंची कांग्रेस नेत्री मंजू, अपने ही सरकार पर दागी सवाल
गिरिडीहः
हो रहे विकास के दावे के बीच पिछले कुछ दिनों पहले गिरिडीह के देवरी के मदनाडीह गांव में गर्भवती महिला को खाट से एबूलेंस तक पहुंचाने के मामला अब तूल पकड़ा है। रविवार को प्रर्देश कांग्रेस की महासचिव सह जमुआ विस प्रभारी डा. मंजु कुमारी ने मदनाडीह गांव का दौरा की। और अपने ही सरकार पर जमकर हमला बोली। प्रर्देश महासचिव मंजू कुमारी ने कहा कि आदिवासियों के हित की बात करने वाली हेमंत सरकार हो या, अब की चंपाई सोरेन सरकार। सभी सरकार सिर्फ दावे करते आई है। हकीकत यही है कि आदिवासी बहुल गांवो की तस्वीरों में कोई बदलाव नहीं आया है। इस दौरान मंजु कुमारी ने गर्भवती महिला बंसती हेम्ब्रम और उसके परिवार से मिली।
और पूरी आपबीती सुनी। इस दौरान परिजनों ने भी कहा कि आवागमन की सुविधा नहीं रहने के कारण ऐसा हुआ था। क्योंकि तीन किमी दूर एबूंलेस तक पहुंचने के लिए जब गर्भवती बंसती हेम्ब्रम को पहुंचाने का कोई साधन नहीं मिला, तो उसे खाट पर सुलाकर नाला पार कर एबूलेंस तक पहुंचाया गया। ग्रामीणों का कहना था कि ना तो किसी विधायक और सांसद ने उनके गांव के परेशानी को समझा, और ना ही प्रशासन की नजर मदनाडीह गांव पर कभी पड़ा। जिसे उनके गांव की परेशानी दूर हो सके। इधर बंसती और उनके परिजनों से मुलाकात के क्रम में कांग्रेस नेत्री मंजू कुमारी ने गांव का भी भ्रमण की। और पूरे हालात को देखी। इस दौरान कांग्रेस नेत्री के साथ रामानंद कुशवाहा और पप्पू वर्मा समेत कई मौजूद थे।