बराकर बस हादसे की घटना के बाद भी गिरिडीह प्रशासन और डीटीओ ने नहीं लिया कोई सबक
बसों पर नियमों की अनदेखी और अवैध परमिट पर परिचालन का आया मामला सामने
गिरिडीहः
बराकर नदी बस हादसे की घटना के बाद भी गिरिडीह प्रशासन और परिवहन कार्यालय ने कोई सबक नहीं लिया। मृतक के आश्रितों को मुआवजा और सांत्वना देकर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने कॉरम पूरा कर लिया। और अब एक बार फिर गिरिडीह परिवहन कार्यालय की लापरवाही सामने आई है। और एक साथ 10 बसों का परिचालन तय वक्त की अनदेखी और अवैध परमिट पर चलने की बात कही जा रही है। बराकर नदी बस हादसे के बाद डीसी के निर्देश पर जांच टीम का गठन हुआ, और जांच भी किया गया। जिसमें सीधे तौर पर बाबा सम्राट के मालिक राजू खान और चालक दोषी पाएं गए। हालांकि दोनों अलग-अलग मामले में दोषी थे। बस मालिक पर जहां दो पहिया वाहन के नंबर पर बस चलाने का गंभीर आरोप था, तो वहीं चालक पर परमिट से हटकर बस को स्पीड में चलाने का। एसडीएम विशालदीप खलको, डीटीओ शैलेश प्रियदर्शी और एमवीआई के जांच में तो यही निकल कर सामने आया था। लेकिन कार्रवाई करने वालों के करीबी होने के कारण बस मालिक राजू खान कार्रवाई से सुरक्षित बच निकले। प्रशासन की चुप्पी पर मामले में सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू व गांडेय विधायक सरफराज अहमद भी चुप रहना ही उचित समझे। लिहाजा, ना तो बस मालिक पर ही कोई कार्रवाई हुआ, और ना ही चालक पर। ऐसे में एक बार फिर उसी मामले का सामने आना, डीटीओ कार्यालय को सवालों के घेरे में खड़ा करता है। लेकिन इस बार भाजपा नेता जाकिर हुसैन उर्फ छोटू ने डीटीओ कार्यालय के इस लापरवाही को सामने लाया है। और मामले की जानकारी नगर थाना पुलिस को देने के साथ डीटीओ कार्यालय को भी दिया है। वैसे मामले में जब डीटीओ शैलेश प्रियदर्शी से जानकारी ली गई, तो डीटीओ ने कहा कि यह सही है कि मामला आया है। और जांच भी किया जाएगा। क्योंकि आरोपी बेहद गंभीर है कि गिरिडीह से कोलकाता के बसों का परिचालन अवैध परमिट में किया जा रहा है।
बस मालिक जाकिर हुसैन उर्फ छोटू खान ने डीटीओ और नगर थाना पुलिस को दिए आवेदन में कहा कि बस मालिक रामप्रवेश चतुर्वेदी का डब्लू-75-बी-5690, और 2121 के साथ शिव कुमार सिंह का डब्लूबी-41के-0622, नितय कुमार बारीक का डब्लूबी-76ए-7065, डा. बरनास हेम्ब्रम का जेएच-11एन-4422 और बाबा सम्राट के मालिक राजू खान का जेएच-11जेएम-9191 समेत दो और बसों द्वारा नियमों की अनदेखी कर और अवैध परमिट पर परिचालन किया जा रहा है। वैसे मामला गंभीर है तो डीटीओ ने इसकी जांच का जिम्मा एमवीआई रंजीत मंराडी को सौंप दिया है।