पहली बार डीआरएम के साथ ईस्ट रेल जोन कोलकाता के जीएम पहुंचे गिरिडीह स्टेशन, हालात देखकर हुए नाराज
गिरिडीहः
ईस्ट रेल जोन कोलकाता के महाप्रबंधक अमरनाथ द्विवेदी और आसनसोल मंडल रेल प्रबंधक बुधवार को गिरिडीह स्टेशन पहुंचे। पहली बार ईस्ट रेल जोन के किसी जीएम का गिरिडीह स्टेशन का दौरा हुआ। जबकि इसे पहले अब तक सिर्फ डीआरएम का दौरा होता रहा है। कोलकाता से अपने खास सैलून से डीआरएम के साथ गिरिडीह स्टेशन पहुंचे जीएम ने पूरे स्टेशन का निरीक्षण किया। इस दौरान चैंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारी सह इलेक्ट्रिक समूह के चैयरमेन प्रदीप अग्रवाल, मोंगिया समूह के चैयरमेन डा. गुणवंत सिंह मोंगिया, राजेन्द्र बगेड़िया, विकास खेतान और श्रवण केडिया समेत कई उद्योगपति मौजूद थे। चैंबर के पदाधिकारियों ने जीएम को ज्ञापन सौंपा। जिसमें मुख्य रुप से सुपरफास्ट ट्रेन जनशताब्दी को वाया कोडरमा-न्यू गिरिडीह से मधुपूर चलाने की मांग समेत हावड़ा रांची शताब्दी एक्सप्रेस को वाया आसनसोल-मधुपूर-न्यू गिरिडीह-कोडरमा चलाने और गिरिडीह-मधुपूर सवारी ट्रेन को नियमित करने की मांग शामिल रही। पहली बार गिरिडीह पहुंचे ईस्ट रेल जोन के जीएम को जानकारी मिला कि स्टेशन के समीप ही एक आरओबी का निर्माण प्रस्ताव को स्वीकृति मिल चुका है। लेकिन फंड के अभाव में काम आगे नहीं बढ़ा है। लिहाजा, जीएम ने मामले को गंभीरता से लिया। और आसनसोल डीआरएम समेत कोलकाता से आएं वरीय वाणिज्य प्रबंधक को निर्देश दिया कि जल्द आरओबी निर्माण को लेकर पहल किया जाएं। जीएम ने इस दौरान स्टेशन के निरीक्षण के क्रम में पाया कि राजस्व देने के बाद भी गिरिडीह स्टेशन यात्री सुविधाओं को लेकर काफी पिछड़ा है। हाल के दिनों में नया स्वरुप दिए जाने के बाद भी गिरिडीह स्टेशन की हालत बेहद खराब है। लिहाजा, जीएम ने डीआरएम को सुविधा बढ़ाने का निर्देश जारी किया। जिसमें लाईट की व्यवस्था से लेकर अन्य सुविधाएं शामिल थी। इस दौरान जीएम और डीआरएम महज 20 मिनट की गिरिडीह स्टेशन में रुके। इसके बाद दोनों ने सीसीएल के सीपी साईडिंग का भी निरीक्षण किया।