आसनसोल डीआरएम पहुंचे गिरिडीह, सीसीएल के जीएम के साथ सीपी साइडिंग का किया निरीक्षण
- कोयला उत्पादन शुरु होने के बाद गिरिडीह से अधिक रैक गुजारने को लेकर हुई चर्चा
- डीआरएएम ने जल्द ही रेलवे की ओर से सुविधा बढ़ाने की कही बात
गिरिडीह। कोयला का उत्पादन शुरु होने के बाद गिरिडीह कोलियरी से अब देश के पावर प्लांटो में कोयले की आपूर्ति तेज करने के प्रयास में रेलवे और सीसीएल जुट गई है। रेलवे के सालों पुराने सिस्टम को दुरुस्त करने का सुझाव सीसीएल के महाप्रबंधक मनोज अग्रवाल द्वारा दिया गया। सुझाव के बाद आसनसोल रेल डिवीजन के डीआरएम परमानंद शर्मा अपने पूरी टीम के साथ बुधवार को गिरिडीह के रेलवे सीपी सांईडिग पहुंचे। इस दौरान उनके साथ सीसीएल महाप्रबंधक मनोज अग्रवाल भी अपने टीम के साथ मौजूद थे। दोनों अधिकारी पहले शहर के डाड़ीडीह रेलवे पुल पहुंचे और रेलवे ट्रेक का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने देखा कि रेलवे ट्रैक के उपर से नाली का पानी गुजर रहा है। जबकि कोयले से भरे रैक को ले जाने के लिए जितने मजबूत इंजन की जरुरत है, वो सुविधा भी नहीं दिखी। कुछ ऐसी ही स्थिति सीपी साईडिंग की भी थी। जहां जर्जर रेलवे ट्रैक के कारण कोयले से भरे रैक को अलग-अलग राज्यों में पहुंचाना जोखिम भरा दिखा।
इस दौरान डीआरएम ने साथ चल रहे अपने टीम के इंजिनियर को रेलवे पुल के नीचे रेलवे ट्रैक के समीप से नाली हटाने का सुझाव दिया। साथ ही रैक ले जाने वाले पुराने इंजन को बदल कर नया इंजन देने का भी निर्देश दिया। डीआरएम ने टीम के सदस्यों से कहा कि हर हाल में एक इलेक्ट्रिक लोको की व्यवस्था करें। जिससे रैक ले जाने में सुविधा होगी।
इस दौरान डीआरएम ने महाप्रबंधक से जानकारी लिया कि हर रोज कोयले से लोड कितने रैक गिरिडीह से जाते है। महाप्रबंधक ने एक रैक जाने की बात कही। इसके बाद डीआरएम परमानंद शर्मा ने सीसीएल के महाप्रबंधक मनोज अग्रवाल को बताया कि बरसात से पहले रेलवे पुल के नीचे से नालियों को हटा लिया जाएगा और प्रयास होगा कि नया इंजन भी जल्द उपलब्ध करा दिया जाएं। जिसे हर रोज कोयले से लोड तीन रैक के जाने की सुविधा गिरिडीह से हो सके। दोनों अधिकारियों के साथ कई और पदाधिकारी भी मौजूद थे।