तेलोडीह में सत्तारुढ़ दल झामुमो नेता ने अपने गुर्गो के साथ किया दो दखलकारों के जमीन पर कब्जे का प्रयास, पुलिस की सक्रियता से हिंसक झड़प होने से टला
गिरिडीहः
भूमाफियाओं के कारण एक बार फिर गिरिडीह के पचंबा में दो पक्षों के बीच हिसंक होते-होते टल गया। तीन पक्ष के बीच सोमवार को जमीन के एक बड़े प्लॉट ने मामले को इतना बढ़ा दिया कि हालात हिसंक झड़प वाला हो गया। लेकिन वक्त पर जानकारी मिलने के बाद पचंबा थाना की पुलिस के साथ महिला थाना प्रभारी मनीता कुमारी भी पुलिस जवानों के साथ पहुंची। और तीनों पक्ष को हटाया। पचंबा थाना क्षेत्र के तेलोडीह के लोहपीट्टी गांव में एक तरफ सत्तारुढ़ दल झामुमो नेता इरशाद अहमद वारिष और उनके पार्टनर खुर्शीद आलम अपने गुट के कई युवकों के साथ वहां पहुंचे। एक साथ दो दखलदारों के जमीन पर जेसीबी से काम कराना शुरु कर दिया। लोहपीट्टी गांव के जमीन पर कार्य शुरु कराने की जानकारी जब दखलकार प्रदीप ठाकुर और बिमल ठाकुर व उनके परिवार के सदस्यों को मिला। तो महिलाओं के साथ सभी वहां पहुंच, वहीं तीसरा दखलकार अमित सिंह भी वहां पहुंचे। तो देखा कि उनके जमीन पर झामुमो नेता इरशाद अहमद वारिश और खुर्शीद आलम के गुट के कई युवक जेसीबी से जबरन काम करा रहे है।

लिहाजा, जब प्रदीप ठाकुर व बिमल ठाकुर समेत अमित सिंह ने इसका विरोध शुरु किया। तो झामुमो नेता के भेजे गए युवकों ने अचानक हंगामा खड़ा कर दिया। एक तरफ झामुमो नेता सह भूमाफिया और उनके पाटर्नर खुर्शीद आलम के गुर्गे थे, तो दुसरी तरफ जमीन के दखलकार अमित सिंह और प्रदीप व बिमल ठाकुर। लिहाजा, विवाद बढ़ता गया। इस बीच प्रदीप और बिमल के परिवार की कई महिलाएं भी वहां पहुंच गई। और भूमाफियाओं द्वारा चल रहे निर्माण कार्य को बंद करा दिया। इस दौरान दोनों और से बहसबाजी शुरु हो गई। लेकिन वक्त पर एक साथ दो थानों की पुलिस वहां पहुंची, और किसी तरह माहौल को समान्य किया। लेकिन पचंबा थाना पुलिस भी सिर्फ झामुमो नेता के गुर्गो की बात मान रही थी। इस दौरान दखलकारों ने पचंबा थाना पुलिस पर भूमाफियाओं से सांठगांठ होने का आरोप लगाया। लेकिन माहौल को शांत कराने पहुंची महिला थाना प्रभारी मनीता कुमारी ने जब तेवर कड़े करते हुए तीनों पक्ष को वहां से भगाया। तो जमीन पर निर्माण कार्य बंद हुआ।

इधर लोहपीट्टी जमीन के दखलकार अमित सिंह के साथ प्रदीप ठाकुर व बिमल ठाकुर का कहना था कि लोहपीट्टी मौजा के खाता नंबर -97 का कुल करीब साढ़े 14 एकड़ का प्लॉट जब उनका पुश्तैनी है। तो फिर झामुमो नेता और उनके पार्टनर खुर्शीद आलम अपने गुर्गो के साथ निर्माण कार्य क्यों और कैसे करा रहे है। क्योंकि इस प्लॉट पर पिछले कई दशक से खेती करते आ रहे हैै। और भूमाफिया जबरन उनके जमीन को हड़पना चाहते है। वैसे इस मामले में जब झामुमो नेता इरशाद अहमद वारिष से उनका पक्ष लेने का प्रयास किया गया। तो उनका नंबर लगाातर नॉट रिचेबल आता रहा।