एफपीओ के किसानों को संयुक्त देयता समूह के माध्यम से वित्त पोषण करेगा नाबार्ड: डीडीएम
- संयुक्त देयता समूह के बैंक खाते खोलने को लेकर शिविर का हुआ आयोजन
गिरिडीह। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के सहयोग से रुद्रा फाउंडेशन द्वारा गठित संयुक्त देयता समूह के बैंक खाते खोलने को लेकर सोमवार को अहिल्यापुर, गांडेय नाबार्ड संपोषित एफपीओ न्यू फ्रेश बास्केट व लेदा स्थित आरोही एफपीओ के कार्यालय में मंगलवार को विशेष कैंप आयोजित किया गया। जिसमें नाबार्ड के ज़िला विकास प्रबन्धक आशुतोष प्रकाश, क्षेत्रीय प्रबन्धक विजय प्रकाश, वरीय क्रेडिट प्रबन्धक कमल किशोर, समन्वयक अशोक कुमार, शाखा प्रबन्धक बीके दास, रियाज़ अहमद, चन्दन कुमार एवं रुद्रा फाउंडेशन के सचिव सैयद सबीह अशरफ मौजूद रहे।
झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबन्धक विजय प्रकाश व नाबार्ड के डीडीएम आशुतोष प्रकाश ने कहा कि यह एक जैसी आर्थिक व सामाजिक हैसियत एवं वैचारिक समानता वाले भूमिहीन, बटाईदार, कम जमीन वाले लघु सीमांत कृषक, कृषि से संबंध क्रिया कलाप करने वाले अथवा स्वरोजगारी ग्रामीणों का 4 से 10 सदस्यों वाला ऐसा समूह है, जिसके माध्यम से बैंक से कार्य या व्यवसाय हेतु ऋण लिया जा सकता है। इसमें ऋण अदायगी की जिम्मेदारी सभी सदस्यों की संयुक्त रूप से होती हैं। कहा कि जेएलजी के सदस्य बनने के लिए उस क्षेत्र की किसान उत्पादक कम्पनी का शेयर धारक होना अनिवार्य है।

जेआरजीबी के समन्वयक अशोक कुमार ने कहा की सभी सदस्य मिलकर इसके लिए नियम बनायेंगे कि प्राप्त वित्तीय सहायता के लिए सामूहिक रुप से सभी सदस्य और व्यक्तिगत तौर पर भी जिम्मेदार होंगे। समूह बनने के बाद बैंक में बचत खाता खोला जाता है, जिसमें टीम की सदस्य अपनी बचत का पैसा हर माह खाते में जमा करते हैं और सही ढंग से खाता संचालन के बाद बैंकों द्वारा उद्योग या खेती करने के लिए ऋण दिया जाता है। इसके प्रत्येक सदस्य के हिसाब से अधिकतम 50 हजार रूपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी।
वहीं रुद्रा फाउंडेशन के सचिव सैयद सबीह अशरफ ने कहा कि नाबार्ड द्वारा रुद्रा फाउंडेशन को संयुक्त देयता समूह के गठन का कार्य सौंपा गया है, संस्था द्वारा अपने फील्ड कार्यकर्ताओं के माध्यम से एफपीओ से जुड़े किसानों को 4 से 10 व्यक्तियों के समूह में गठित कर झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के सहयोग से उनकी ऋण आवश्यकताओं की पूर्ति कराने का प्रयास किया जा रहा है।