दो दिनों से गिरिडीह प्रशासन के खिलाफ आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों के समर्थन में आएं माले विधायक विनोद सिंह
दुसरे दिन प्रदर्शनकारियों ने तोड़ी सारी सीमाएं, थाना प्रभारी को मारा धक्का, तो महिला पुलिस कर्मी पर छोड़ा हाथ
किसानों के आंदोलन तक को गंभीरता से नहीं ले रहा प्रशासन, शहर की विधी-व्यवस्था हुई खराब
गिरिडीहः
किसान मोर्चा के प्रदर्शनकारी अपनी मांगो को लेकर दो दिनों से आंदोलन कर रहे है। जिसमें पहला रजिस्ट्रर-टू का नकल बगैर किसी चढ़ावा के रिकार्ड रुम से उपलब्ध कराना तो दुसरी मोर्चा के नेता अवद्येश सिंह को जेल से रिहा करने की मांग। स्थानीय प्रशासन का दावा है कि मंगलवार को शहर के टावर चाौक पर हुए हंगामा और धक्का-मुक्की के बाद आंदोलनकारियों को रजिस्ट्रर-टू का नकल देने के योजना पर कार्य शुरु कर दिया गया था। इसके लिए डीसीएलआर केद्वारा रिकार्ड रुम से ऐसी व्यवस्था की जा रही थी, कि हर व्यक्ति को सुविधानुसार नकल मिल सके। जबकि दुसरे मांग पर प्रशासन का कहना है कि मोर्चा के नेता अवद्येश सिंह इसी मुद्दे से जुड़े एक पुराने केस में कोर्ट के अनुमति पर जेल भेजे गए है। लिहाजा, दुसरे डिमांड को पूरा करना प्रशासन के हाथ में नहीं है।
लेकिन बुधवार को दुसरी बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुए हिसंक झड़प के बाद भाकपा माले के बगोदर विधायक विनोद सिंह और माले नेता राजेश यादव सामने आएं, और कहा कि लंबे वक्त से किसानों का आंदोलन सिर्फ रजिस्ट्रर-टू के खतियान का नकल की मांग कर रहे है। अपने उचित मांगो को लेकर किसानों का आंदोलन चल रहा है। लेकिन स्थानीय प्रशासन मांगो को पूरा करने के बजाय किसानों पर दममिनया कार्रवाई कर मुुंह दबाने के प्रयास में है। विधायक विनोद सिंह ने इस दौरान यह भी कहा कि इस ज्वलंत मुद्दे पर माले पूरी तरह से किसानों के समर्थन में है। प्रशासन को नजर अंदाज करने से नहीं चलेगा। हालांकि इस मुद्दे पर अब तक किसी और राजनीतिक दलों चुप ही है।
वैसे दुसरे दिन बुधवार को जब आंदोलनकारी आत्मदाह करने का निर्णय लेते हुए पेट्रोल से भरे डिब्बों के साथ शहर में निकले। तो प्रशासन को इसकी भनक मिलते ही हाथ-पांव फूल गए। लिहाजा, सदर एसडीएम विशालदीप खलको, डीएसपी संजय राणा, एसडीपीओ अनिल सिंह, नगर थाना प्रभारी राम नारायण चाौधरी समेत कई पदाधिकारी पुलिस जवानों के साथ शहर के अबेंडकर चाौक में मोर्चा संभाला, और उन्हें रोकने का प्रयास करते दुसरी बार वार्ता के लिए बुलाया। लेकिन मामला यहां उल्टा हो गया और प्रदर्शन में शामिल महिलाओं से लेकर बगोदर के कुंजलाल साहु समेत करीब 50 की संख्या में मौजूद भीड़ पुलिस से उलझ पड़ी। पुलिस ने बल प्रयोग किया, लाठी चटकाई और खदेड़ा तो प्रदर्शनकारियों का गुस्सा भी भड़क उठा। इसके बाद एक प्रदर्शनकारी ने नगर थाना प्रभारी रामनारायण चाौधरी को धक्का दिया। इसके बाद जवानों ने मोर्चा संभाला, और सबों को खदेड़ना शुरु किया। इस दौरान प्रदर्शनकारी और आग-बबूला होते हुए कड़ी धूप में बीच सड़क पर ही लेट। वहीं कुछ महिला प्रदर्शनकारी भी सारा दायरा पार करते हुए महिला पुलिस कर्मियों पर हाथ छोड़ बैठी।