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सीटू का मनाया गया 52वां स्थापना दिवस

  • वक्ताओं ने कहा देश का सबसे जुझारू और संघर्षशील मजदूर संगठन है सीटू
  • मोदी सरकार ने 8 साल में देश की अर्थव्यवस्था को किया खोखला: संजय पासवान

कोडरमा। सेन्टर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) का 52वां स्थापना दिवस श्रम और पूंजी के संघर्ष में मजदूरों की एकता को और मजबूत किए जाने के संकल्प के साथ रमेश प्रजापति के द्वारा लाल झंडा फहराकर मनाया गया। इस मौके पर सीटू राज्य कमिटी सदस्य संजय पासवान ने मजदूर आंदोलन में सीटू की एकता और संघर्ष के 52 साल की गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए कहा कि देश का सबसे जुझारू और संघर्षशील मजदूर संगठन सीटू की सफलताओं में सैकड़ों कार्यकर्ताओं और नेताओं की कुर्बानी शामिल है। अपनी जान तक गवांकर लाल झंडा उठाये रखने का योगदान है।

कहा कि 1970 में अगर सीटू नहीं बनता तो बहुत मुमकिन था कि देश का श्रमिक आंदोलन अपनी धार ही नहीं बल्कि अस्तित्व भी खो बैठता। अपने श्रम से देश के लिए अकूत धन पैदा करने वाले मजदूरों को शासक वर्ग के द्वारा हाशिये पर धकेलने की साजिश कर रहा है। मजदूरों को गुलाम बनाने के लिए संविधान में प्रदत्त 38 श्रम कानूनों को समाप्त कर चार लेबर कोड में बदल दिया है। जिसके खिलाफ मजदूर वर्ग लड़ रहा है।

कहा कि भाजपा नेतृत्व वाली मोदी सरकार ने पिछले आठ वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था को खोखला कर जनता के विशाल बहुमत पर महंगाई, बेरोजगारी आदि मुसीबतों का बोझ डाल दिया है। सीटू नेता रमेश प्रजापति ने कहा कि आज हर तबके के कामगार चाहे वह मैन्युफैक्चरिंग या सेवा क्षेत्र में हो, संगठित हो या असंगठित, स्कीम वर्कर, आउटसोर्स, ठेकेदार, अनौपचारिक क्षेत्र या गिग वर्कर के रूप में काम कर रहे हो वे अपने जीवन और आजीविका पर किसी न किसी हमले का सामना कर रहें है। जिसके खिलाफ मजदूर वर्ग को एक होना होगा। कार्यक्रम में महेन्द्र तुरी, अशोक रजक, डालेश्वर राम, शिवपुजन पासवान, जितेंद्र कुमार आदि मौजूद थे।

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