लोक अदालत के कारण न्यायालय से मुकदमों का बोझ होता है कम: प्रधान जिला जज
- राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियों को लेकर प्रधान जिला जज ने की बैठक
- बैठक में जिले के विभिन्न बैंकों के अधिकारी हुए शामिल
कोडरमा। झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश के आलोक में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में आगामी 14 मई को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत की तैयारियों को लेकर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के प्रकोष्ठ में जिले के विभिन्न बैंकों के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता कोडरमा के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार विरेन्द्र कुमार तिवारी ने की। प्रधान जिला जज ने उपस्थित अधिकारियों से आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक मामलों के निष्पादन की दिशा में आवश्यक पहल करने के आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि जहाँ एक ओर मामलों के निष्पादन से विभाग को राजस्व की वसूली करने में सहायता होती है वहीं दूसरी ओर न्यायालय से मुकदमों का बोझ कम होता है। उन्होंने बैंकों के अधिकारियों से अपने स्तर से भी पक्षकारों को सूचित करने तथा उनको अपने मामलों का निष्पादन राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से कराने के प्रति जागरुक करने की भी अपील की। साथ ही बैंकों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे अपने स्तर से पक्षकारों को नोटिस करें ताकि अधिक से अधिक मामलों का निष्पादन किया जा सके। प्रधान जिला जज ने सभी बैंको के अधिकारियो को ऋण धारको की सूची उपलब्ध कराने की बात कही। ताकि न्यायालय द्वारा भी अपने स्तर से उन्हें अपने मामले के निष्पादन के लिए सूचित किया जा सके।
मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अभिषेक प्रसाद, स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष अमृत लाल यादव, एलडीएम महेश प्रसाद, भारतीय स्टेट बैंक के वरीय शाखा प्रबंधक श्रवन कुमार सिन्हा, बैंक ऑफ़ इंडिया कोडरमा के वरीय शाखा प्रबंधक अखिलेश चंद्रा एवं झुमरी तिलैया के शाखा प्रबंधक बीजू राम, पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारी आरबीनाथ, कोडरमा के शाखा प्रबंधक मनीष कुमार, झारखण्ड ग्रामीण बैंक के चन्दन कुमार वर्मा, बैंक ऑफ़ बड़ोदा के राहुल भाष्कर, बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र के शाखा प्रबंधक रवि कुमार, सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया झुमरी तिलैया की शाखा प्रबंधक रश्मि प्रियदर्शनी, यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया झुमरी तिलैया के शाखा प्रबंधक रणजीत कुमार, इंडियन बैंक के शाखा प्रबंधक तेग बहादुर सिंह, न्यायालयकर्मी रणजीत कुमार सिंह, राज कुमार राउत व संतोष कुमार आदि मौजूद थे।