सरकार की नीतियों के खिलाफ तीन दिवसीय हड़ताल गिरिडीह में शुरु, सदर विधायक सोनू मोदी सरकार पर बरसे
तीन दिनों में साढ़े तीन सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान
गिरिडीहः
सार्वजनिक बैंको के नीजिकरण के साथ श्रम कानून में बदलाव के साथ बैंको में पांच दिवसीय कार्यदिवस चालू करने समेत केन्द्र सरकार की नीतियों के विरोध में ट्रैड यूनियन और इंटक का तीन दिवसीय हड़ताल सोमवार से शुरु हुआ। इस तीन दिवसीय हड़ताल का असर गिरिडीह में भी नजर आया। जहां सरकारी से लेकर तमाम प्राईवेट बैंको और एलआईसी कार्यालय में ताला लटका रहा। तीन दिवसीय हड़ताल भी ट्रैड यूनियन के प्रतिनिधियों और बैंक कर्मियों ने ऐसे वक्त में शुरु किया। जब वित्तीय साल 2021-2022 का अंतिम महीना मार्च चल रहा है। वैसे तीन दिवसीय हड़ताल के कारण जिले में साढ़े तीन सौ करोड़ से अधिक कारोबार प्रभावित रहा। मतलब कि हर रोज सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। सिर्फ डिजिटल लेन-देन के सहारे लोगों को राहत मिली। लेकिन सरकारी योजनाओं से लेकर व्यापारियों को अपने कारोबार को लेकर परेशान होते देखा गया। जबकि पहले दिन ही इसका व्यापक असर बैंको से लेकर एलआईसी तक देखने को मिला। जहां शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक सारे बैंक बंद रहे। हालांकि इंटक द्वारा हड़ताल का समर्थन किए जाने के बाद भी गिरिडीह के कोलियरी में सारा कार्य हर रोज की तरह होता रहा। इस बीच एलआईसी कार्यालय में एलआईसी कर्मियों के साथ दवा विक्रय प्रतिनिधियों का जुटान हुआ। एलआईसी कार्यालय के कर्मियांे के इस जुटान का समर्थन करने इस दौरान झामुमो के सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और भाकपा माले नेता राजेश सिन्हा भी पहुंचे थे। एलआईसी के कर्मचारी नेता धर्मप्रकाश, दवा विक्रय प्रतिनिधी एसोसिएशन के सुरज अग्रवाल, मृदुल कांति दास भी शामिल हुए।

मौके पर सदर विधायक सोनू ने केन्द्र की मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों को देश के लिए घातक बताया। और कहा कि मंहगाई ने जनता का कमर तोड़ रखा है। तो युवा अब बढ़ते बेरोजगारी के कारण परेशान है। तो दुसरी तरफ मोदी सरकार जिस प्रकार नए नीतियों को जबरन लाने के प्रयास में है। उसे नौकरी से जुड़े लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। क्योंकि नीजिकरण कहीं से भी देशहित में नहीं है। इधर एलआईसी कार्यालय में संजय शर्मा, सबा प्रवीण, मृत्युजंय कुमार, एपवा नेत्री प्रीति भाष्कर, झामुमो नेत्री प्रमिला मेहरा, कुमकुम वर्मा, शिखा सिंह, पुष्पा कुमारी, अंशु कुमारी, उमानाथ झा, अनुराग मुर्मु समेत अलग-अलग ट्रैड यूनियन संगठनों के कई प्रतिनिधी और एलआईसी कर्मी मौजूद थे।




