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गिरिडीह में पूर्व सांसद और विधायक समेत सैकड़ो भाजपा कार्यकर्ताओं ने देखा काश्मीर फाईल्स

दर्शकों ने कहा यह नफरत पैदा करने वाला नहीं, बल्कि कट्टपंथियों के खिलाफ आंख खोलने वाला सच है

गिरिडीहः
1990 के दशक में अलगाववादियों और कट्टरपंथियों के जुल्म और यातनाओं का शिकार हुए कश्मीर पंडितो की कहानी पर बनी फिल्म कश्मीर फाईल्स गिरिडीह के दो मल्टी सिनेमाहाॅल में लगे है। पिछले 20 दिनों से शहर के दोनों सिनेमाहाॅलों में दर्शकों की भीड़ टूट रही है। शहर के स्वर्ण सिनेमा और आर्बिट सिनेमा हाॅल में हर रोज एडंवास बुंकिग का दौर भी पिछले कई दिनों से जारी है। पिछले 20 दिनों में इस फिल्म ने बाॅक्स आॅफिस पर कमाई के भले ही सारे रिकार्ड तोड़ दिए है। लेकिन दर्शकों का जज्बा है कि कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। वैसे फिल्म देखकर सिनेमा हाॅल से निकलने वाले दर्शक भी यह मानने लगे है कि कट्टपंथियों के इस जुल्म को एक साजिश के तहत छिपाया गया। फिल्म देखने वाले दर्शकों के आंखो से निकलने वाले आंसू ही जाहिर कर रहे है कि काश्मीर में काश्मीर हिंदुओं पर अत्याचार किस कदर हुआ। इसी कड़ी में सोमवार को गिरिडीह भाजपा के कई नेता स्वर्ण सिनेमा हाॅल पहुंचे। और विवेक अग्निहोत्री द्वारा बनी फिल्म काश्मीर फाईल्स देखा। इस दौरान भाजपा नेता सह पूर्व सांसद रवीन्द्र राय, पूर्व सदर विधायक निर्भय शाहाबादी, संदीप डंगाईच, संजीत सिंह पप्पू, विनय सिंह, पूर्व जिप उपाध्यक्ष कामेशवर पासवान, नवनीत सिंह, सुभाष चन्द्र सिन्हा समेत सैकड़ो भाजपा नेताओं ने काश्मीर फाईल्स को देखा। तो उनके साथ कई भाजपा कार्यकर्ता भी मौजूद थे।
वैसे हर रोज की तरह स्वर्ण सिनेमा हाॅल में दर्शकों की भीड़ भी काश्मीरी पंडितो पर हुए जुल्म का फिल्म देखने पहुंचे थे। जिसमें महिलाओं से लेकर युवक-युवतियां भी शामिल थे। इधर फिल्म देखने के बाद पत्रकारों से बातचीत के क्रम में पूर्व सांसद रवीन्द्र राय ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि ये कोई फिल्म नहीं। बल्कि, भारत के अभिन्न अंग पर रहने वाले हिंदुओं पर हुए जुल्म की दास्तां है। पूर्व सांसद ने कहा कि इस फिल्म ने धर्मनिरपक्षेता और सेक्यूलरिज्म के चश्मे को एक तरह से साफ किया है। क्योंकि इसी सेक्यूलरज्मि के कारण यह घटना भारत के 132 करोड़ जनता से छिपाया गया।


जबकि पूर्व सदर विधायक निर्भय शाहाबादी ने भी कहा कि आखिर इतनी बड़ी घटना को देश की जनता से क्यों छिपाया गया। जब काश्मीरी पंडितों की बहनों की अस्मत लूटी गई। युवाओं से लेकर बच्चों तक का कत्ल किया गया। पूर्व विधायक ने केन्द्र के मोदी सरकार से इस दौरान मांग करते हुए कहा कि जिन कट्टरपंथियों ने ऐसा किया। वो अगर जिंदा है तो उन्हें फांसी मिलनी चाहिए। क्योंकि इंसानियत के चेहरे पर ये धब्बा मिटाना जरुरी है

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