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शोषितें और पिछड़ो की आवाज रहे दिवगंत विधायक महेन्द्र सिंह के शहादत दिवस पर गिरिडीह के बगोदर में जुटे वामपंथी

जनता समझ चुकी है कि साल 2014 के बाद देश की सत्ता एक तबाही और बर्बादी के हाथों में गयाः दीपांकर भट्टाचार्य

कोरोना प्रोटोकाॅल के तहत माले समेत वामपंथियों ने मनाया दिवगंत विधायक का 17वां शहादत दिवस

गिरिडीहः
शोषितों और पिछड़ो की आवाज रहे भाकपा माले के संघर्षशील दिवगंत विधायक महेन्द्र सिंह के शहादत दिवस सादगी के साथ मनाया गया। अपने काॅमरेड के 17वें शहादत दिवस को मनाने के लिए काफी संख्या में माले और वामपंथी नेताओ व कार्यकर्ताओं का जुटान भी गिरिडीह के बगोदर में जुटे थे। लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण और दिवगंत विधायक की पत्नी शांति देवी के निधन के बाद माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य के अपील पर शहादत दिवस को बेहद कर दिया गया। तो महासचिव के अपील पर ही एक-एक कार्यकर्ताओं ने कोरोना प्रोटोकाॅल के तहत कार्यक्रम में शामिल भी हुए। वैसे महासचिव के अपील का असर भी दिखा। क्योंकि माल्यार्पण के बाद शहादत दिवस को लेकर बगोदर के बस पड़ाव में ही जनसभा में भीड़ भी थी। तो समाजिक दूरी के साथ। बगोदर के पार्टी कार्यालय में सबसे पहले दिवगंत विधायक के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। वहीं माल्यार्पण के बाद बगोदर बस पड़ाव में शहादत दिवस पर जनसभा किया गया। सभा स्थल में सिर्फ लाल झंडे ही लहरा रहे थे। तो लाल झंडे के बीच कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने देश में तीसरी बार दस्तक दे चुके कोरोना संक्रमण को कोसते हुए कहा कि इस महामारी ने हर वर्ग को परेशान किया है। सबसे अधिक प्रभावित देश के मजदूर हुए है तो छोटे दुकानदारों को भी लगातार तीन सालों से नुकसान उठाना पड़ रहा है।


कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए महासचिव ने कहा कि अब जनता भी समझ चुकी है कि साल 2014 से एक तबाही और बर्बादी के हाथों में देश की सत्ता थमा दिया गया। जिसे मुक्त होने के लिए देश की जनता छटपटा रही है। महासचिव ने इस दौरान किसान आंदोलन का भी जिक्र करते हुए कहा कि किसान आंदोलन के रुप में तबाही और बर्बादी से मुक्त होने की शुरुआत हो चुकी है। क्योंकि इसी आंदोलन ने अदानी और अंबानी के हाथों बिक चुके मोदी सरकार को झुकने के लिए मजबूर किया।

इस बीच जनसभा को बगोदर विधायक विनोद सिंह, मासस के पूर्व विधायक अरुप चटर्जी, पश्चिम बंगाल से आएं माले के राज्य सचिव कार्तिक पाल, झारखंड के राज्य सचिव मनोज भगत समेत कई वक्ताओं ने संबोधित किया। तो शहादत दिवस पर माले नेता राजेश यादव, राजेश सिन्हा, नौशाद अहमद चांद, मनोव्वर हसन बंटी, संदीप जायसवाल, सरिया महतो, पवन महतो, पूरन महतो, परमेशवर महतो, मुस्ताक अंसारी, सरिता साव, संतोष रजक, गजेन्द्र महतो और जिप सदस्य पूनम महतो समेत कई शामिल हुए। शहादत दिवस के सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बगोदर पुलिस द्वारा पूरे इलाके पर ड्रोन से नजर रखा जा रहा था।

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