तिसरी के कारोबारी भाईयों अंशु और चंदन हत्याकांड के मुख्य आरोपी समेत दो के घर पर पुलिस ने चिपकाया कुर्की जब्ती का वांरट
गिरिडीहः
गिरिडीह के तिसरी के कारोबारी भाई चंदन और अंशु बरनवाल हत्याकांड के फरार मुख्य आरोपी प्रभाकर मंडल और उसके सहयोगी देवा दास के घर बिहार के जमुई थाना की पुलिस ने रविवार को कुर्की जब्ती का इश्तिहार चस्पा किया। जमुई के खैरा थाना प्रभारी सिद्धशेवर पासवान अपने सहयोगियों के साथ सबसे पहले सोनो थाना के कोयरीटोला गांव पहुंचे। और जमुई कोर्ट से निर्गत कुर्की जब्ती का वांरट मुख्य आरोपी प्रभाकर मंडल उर्फ पीर बाबा के घर चिपकाया। इस दौरान थाना प्रभारी ने ग्रामीणों के मौजदूगी में डुगडुगी बजाया। और पूरे गांव में लाउडस्पीकर से एनांउस किया। और ग्रामीणों के साथ आरोपी के परिजनों से फरार प्रभाकर मंडल को कोर्ट में संरेडर कराने का निर्देश दिया। खैरा थाना प्रभारी यही प्रकिया फरार आरोपी के सहयोगी देवा दास के घर भी किया। और कुर्की जब्ती का वांरट उसके खैरा थाना क्षेत्र के घर पर चिपकाते हुए परिजनों को सात दिनों के भी कोर्ट में संरेडर कराने का निर्देश दिया। इस दौरान थाना प्रभारी ने ग्रामीणों और परिजनों को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि सात दिनों के भीतर संरेडर नहीं कराने पर दोनों के घर के सारे समान जब्त कर लिए जाएगें।
बताते चले कि तिसरी के कारोबारी भाई अंशु और चंदन बरनवाल हत्याकांड को जमुई के प्रभाकर मंडल उर्फ पीर बाबा ने अपने भाई दिवाकर मंडल, जमुई के खैरा थाना क्षेत्र के कारु मियां और देवा दास के साथ मिलकर अंजाम दिया था। जिसमें जमुई पुलिस ने मुख्य आरोपी के भाई दिवाकर मंडल और कारु मियां को तो दबोचने में सफल रही। लेकिन अब तक मुख्य आरोपी पीर बाबा और उसका सहयोगी देवा दास फरार है। बताते चले कि तिसरी के चंदन और अंशु बरनवाल का अपहरण इसी साल 22 जून को कर लिया गया था। अपहरण के दुसरे दिन परिजनों ने तिसरी थाना में गुमशुदा का आवेदन देकर पुलिस ने दोनों के सकुशल बरामदगी का गुहार लगाई थी। परिजनों ने उस वक्त आवेदन में जिक्र किया था कि दोनों भाई तगादा वसूली के लिए डोंरडा गए हुए थे। इसके बाद से दोनों लापता है। जिसमें पुलिस ने लंबा अनुसंधान भी किया। अनुसंधान के क्रम में ही प्रभाकर मंडल को संदेह के आधार पर हिरासत में लेकर पूछताछ के के बाद उसे तिसरी थाना पुलिस ने मुक्त कर दिया। इसके एक माह बाद 21 जूलाई को दोनों भाई का नरकंकाल और एक बाईक जमुई के खैरा थाना क्षेत्र के मनवापहाड़ी के जंगल में पाया गया था। नरकंकाल और बाईक मिलने के बाद परिजनों ने हत्या का आरोप प्रभाकर मंडल समेत कई पर लगाया। जिसमें दो की गिरफ्तारी हुई थी।