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संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद को समर्थन देने सड़क पर उतरा माले और आम आंदमी पार्टी

  • कॉरपोरेट खेती छोड़ो, नरेंद्र मोदी गद्दी छोड़ो सरीखे लगाये नारे
  • जनता के बजाय अंबानी अडानी की सेवादारी में लगी है मोदी सरकार: माले
  • प्राइवेट मंडी से देश के किसानों का शोषण करने की हो रही है साजिश: आप

गिरिडीह। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत भारत बंद को समर्थन देने सोमवार को गिरिडीह में आम आदमी पार्टी सड़क पर उतरी । झंडा मैदान गिरिडीह से आम आदमी पार्टी, भाकपा माले, राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ता अम्बेडकर चौक, टावर चौक,काली बाड़ी, मुस्लिम बाजार, बड़ा चौक, स्टेशन रोड होते हुए पुनः काली बाड़ी, मकतपुर चौक, विश्वनाथ मंदिर न्यू बरगंडा , मधुबन वेजिज होते हुए टावर चौक तक जुलूस में किसान एकता जिन्दाबाद, तीनों कृषि कानून को रद्द करो, कॉरपोरेट घरानों को देश की सम्पत्ति बेचना बंद करो, किसानों का शोषण बंद करो, किसानों के समर्थन में आज भारत बंद है आदि नारे लगाए गए।

मौके पर किसान महासभा नेता पूरन महतो, माले नेता राजेश यादव, राजेश सिन्हा, प्रीति भास्कर सहित अन्य नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार ने काले कानून लाकर किसानों की बर्बादी की जो साजिश की है उसे किसी भी हालत में पूरा नही होने दिया जायेगा। कहा कि, किसानों को बर्बाद कर कॉरपोरेट कंपनियों की तिजोरी भरने के लिए जो कानून लाए गए हैं उसे इस देश के किसान-मजदूर कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते। मोदी सरकार इस देश के किसान मजदूरों का वोट लेकर अंबानी अडानी की सेवादारी में लगी है। कहा कि सरकार की भलाई इसी में है कि वह कानून वापस ले, वरना इसकी विदाई तय है।

इधर आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता कृष्ण मुरारी शर्मा ने कहा कि केन्द्र सरकार के द्वारा 2020 में तीन कृषि कानून लाया गया। पहला कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार संवर्धन एवं सुविधा कानून इससे सरकारी मंडियों के सामानांतर पूँजीपतियों का प्राइवेट मंडी स्थापित होगा। सरकारी मंडी खत्म हो जाएगा और प्राइवेट मंडी से देश के किसानों का शोषण किया जाएगा। दूसरा कानून मूल्य आश्वासन पर किसान समझौता और कृषि सेवा कानून 2020 है जिसमें सरकार का कहना है कि इस कानून से किसानों की आय में सुधार होगा। लेकिन यह कानून कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा देने वाला कानून है। तीसरे कानून की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि तीसरा कानून एशेंसियल कोमोडिटी एक्ट में संशोधन करके अनाज, खाद्य तेल, तेलहन, दाल, प्याज, आलू आदि को आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर कर दिया गया है ताकि पूँजीपति जमाखोरी कर सकें।

प्रदर्शन में पप्पू खान, उज्जवल साव, संजय चौधरी, मनोज कुमार यादव, सनातन साव, कन्हैया सिंह, मो0 सलमान, अशोक मंडल, अशोक कुमार तुरी, दिनेश राय, संतोष राय, जगदीश दास, बबलू दास, गिरधारी राय, निशांत भास्कर, मो0 सरफराज, मो0 सलाउद्दीन, पंकज साव, विजय पंडित, मो0 मजबुल, मो0 शौकत मलिक, मो0 सोनल, मो0 इफ्तेखार, सोरेन चौड़े, पंकज वर्मा, कार्तिक वर्मा, बालेश्वर यादव, मनोज रजक, संतोष कुमार, रेखा देवी, गुड़िया देवी, धनेश्वरी देवी, हिरिया देवी, तरिया देवी, लीलावती देवी, उमन देवी, मनवा देवी, ललिता देवी, सरस्वती देवी, सूमा देवी, मालती देवी, कौशल्या देवी, आरती देवी, नेमीया देवी, शांति देवी, करिश्मा देवी, अराधना देवी के अलावे आम आदमी पार्टी के रोहित वर्मा, कासिम अंसारी, मुर्शीद मिर्जा, मो शम्स, शोहराब खान, तेज नारायण महतो, दानिश आलम समेत सैकड़ों लोग शामिल थे।

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