सिहोडीह में सौ साल पुराने पार्वती मंदिर को जमीन मालिक सतनारायण और बबलू बरनवाल ने किया खंडित
लोगों का गुस्सा भड़का, गुस्साएं लोगों ने की बबलू की पीटाई
गिरिडीहः
सौ साल पुराने शिव-पार्वती सार्वजनिक मंदिर के प्लाॅट में माॅल और दुकान निर्माण को लेकर भूखंड स्वामी सतनारायण बरनवाल और बबलू बरनवाल ने पार्वती मंदिर का हिस्सा तोड़ दिया। मामला गिरिडीह के सदर प्रखंड के सिहोडीह स्थित आम बगान के समीप से जुड़ा हुआ है। सोमवार को सतनारायण बरनवाल और बबलू बरनवाल द्वारा पार्वती मंदिर का गुंबद और मंदिर जेसीबी से टूटने की जानकारी जैसे इलाके में फैली। उसके बाद इलाके के लोगों का गुस्सा भड़क उठा। काफी संख्या में स्थानीय लोग वहां पहुंच गए, और दोनों की पीटाई करने पर उतारु हो गए। इस दौरान कुछ युवकों ने बबलू बरनवाल की पीटाई भी कर दिया। घटना का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों का कहना था कि मंदिर भले ही सतनारायण और बबलू बरनवाल के पूर्वजों के प्लाॅट पर है। लेकिन करीब सौ साल पुराना है। और मंदिर का देखभाल भी किया जाता रहा है। इसके बाद प्लाॅट के मालिक बगैर किसी सूचना के कैसे तोड़-फोड़ सकते है। इतना ही नही किसी को जानकारी दिए बगैर दोनों के जेसीबी से पार्वती मंदिर को ढहा दिया गया। और शिव मंदिर के भीतर शिवलिंग के सामने माता पार्वती की मूर्ति किन नियमों के अनुसार स्थापित कर दिया गया। इधर स्थानीय लोगों का आक्रोश देख स्थानीय वार्ड पार्षद अशोक राम के हस्तक्षेप के बाद मामले को शांत किया गया। स्थानीय लोगों को समझाया गया। इसके बाद लोग शांत हुए। इस दौरान कई स्थानीय लोगों में जमीन कारोबारी पप्पी सिंह के अलावे विजय सिंह समेत कई बुद्धिजीवी वहां जुटे। इस दौरान प्लाॅट के मालिकों के साथ स्थानीय लोगों की कमेटी बनाकर पार्वती मंदिर के नए सिरे से निर्माण कर मूर्ति स्थापित करने का निर्णय लिया गया। कमेटी द्वारा तैयार किए गए सुलहनामा में कई और फैसले किए गए।
जानकारी के अनुसार सिहोडीह आम बगान के समीप सालों पुराना शिव-पार्वती मंदिर स्थापित है। जहां काफी संख्या में स्थानीय लोगों हर रोज पूजा-अर्चना किया जाता है। सौ साल पुराना मंदिर के प्लाॅट के मालिक ने अपने वंशज सतनारायण बरनवाल और बबलू बरनवाल को दिया था। और इसी मंदिर के देखभाल की जिम्मेवारी के लिए मंदिर में एक व्यक्ति को भी परिवार के साथ बसाया गया था। बताया जा रहा है कि मंदिर प्लाॅट के बगल में सतनारायण और बबलू बरनवाल का एक और प्लाॅट है। जिसमें नए दुकानों का निर्माण कार्य चल रहा है। लिहाजा, दोनों ने निर्माणाधीन दुकानों को मंदिर से जोड़ने के लिए ही पार्वती मंदिर का पूरा हिस्सा ही जमीदोंज कर दिया। और इसके बाद ही स्थानीय लोगों का गुस्सा भड़क उठा।