इसरी में आयोजित 24 कुंडीय नव चेतना जागरण गायत्री महायज्ञ संपन्न
- सैंकड़ों की संख्या में लोग हुए शामिल, कई संस्कार कराए गए संपन्न
गिरिडीह। इसरी में आयोजित अखिल विश्व गायत्री परिवार के द्वारा आयोजित 24 कुंडीय नव चेतना जागरण गायत्री महायज्ञ चौथे दिन शनिवार को पूर्णाहुति के साथ संपन्न हो गई। चार दिनों तक चले महायज्ञ के दौरान हजारों लोगों ने अपने हाथों से यज्ञ भगवान को आहुतियां प्रदान कर मनुष्य मात्र के कल्याण एवं उज्जवल भविष्य की प्रार्थना की गई। साथ ही श्रद्धा पूर्वक हजारों लोगों ने यज्ञशाला की परिक्रमा की। गायत्री महायज्ञ से पूरा इसरी बाजार वैदिक मंत्रो एवं गायत्री महामंत्र के उचारण से भक्तिमय हो गया। वहीं इस दौरान आयोजित दीप महायज्ञ में 1008 दीपक प्रज्वलित कर दीप महायज्ञ संपन्न किया गया। वहीं महायज्ञ में 158 लोगों के द्वारा गायत्री महामंत्र की दीक्षा ग्रहण कर नित्य गायत्री महामंत्र की उपासना का संकल्प लिया गया। साथ ही 5 मुंडन संस्कार, 7 अन्नप्राशन संस्कार, 26 विद्यारंभ संस्कार, 23 पुंसवन संस्कार, 2 नामकरण संस्कार भी संपन्न हुए।
मौके पर शांतिकुंज प्रतिनिधि संदीप कुमार पांडेय ने कहा कि सद्बुद्धि की देवी मां गायत्री के शरण में आकर ही हम अपने एवं परिवार का कल्याण कर सकते हैं। पूर्व काल में भारत के हर घर में गायत्री महामंत्र की उपासना होती थी लेकिन अज्ञानता वश लोगों ने इसे छोड़ दिया। बताया गया कि वर्तमान में 15 करोड़ से अधिक माताओं-बहनों एवं भाइयों के द्वारा गायत्री मंत्र का नित्य जाप किया जा रहा है। कहा कि गायत्री महामंत्र के जप से हम सभी की हर हाल में आध्यात्मिक उन्नति होती है और हम सभी का आत्मबल एवं प्राण बल बढ़ता है। कहा कि गायत्री परिवार विलुप्त हो रहे संस्कार परंपरा को पुनर्जीवित करने का कार्य कर रही है।
महायज्ञ को सफल बनाने में जिला प्रमुख कामेश्वर सिंह, काशी प्रसाद, भागवत जायसवाल, प्रोफेसर धीरेंद्र विद्यार्थी, कौशल किशोर राम, मीरा देवी, पार्वती बरनवाल, उर्मिला बरनवाल, कंचन सिन्हा, मुक्ता माथुर, दीपा बरनवाल, रेखा मल्लिक, प्रेम अग्रवाल, रेनू बरनवाल, सुषमा बरनवाल, ममता मंजूषा सहित महिला मंडल की बहनों एवं इसरी बाजार के लोगों का भरपूर सहयोग रहा।