चर्चित चिलखरी नरसंहार कांड के फरार माओवादी को दबोचने के लिए 13 साल बाद गिरिडीह पुलिस ने किया अरेस्ट वांरट-प्रे
गिरिडीहः
चिलखरी नरसंहार कांड के फरार माओवादी सुखेदव यादव को गिरिडीह के भेलवाघाटी थाना पुलिस ने गिरफ्तार करने को लेकर मंगलवार को कोर्ट से अरेस्ट वांरट प्रे किया। हालांकि कोर्ट में प्रे किए जाने के बाद माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में कोर्ट से गिरफ्तारी की मंजूरी भी मिल सकता है। वैसे भेलवाघाटी थाना पुलिस ने इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं किया है। लेकिन पुलिस सूत्रों की मानें तो करीब 13 सालों से फरार इस माओवादी को दबोचने के लिए अब भेलवाघाटी थाना पुलिस ने अभियान तेज कर दिया है। क्योंकि फरार माओवादी सुखदेव यादव को हाल के दिनों में गिरिडीह-जमुई में पिंटू राणा के दस्ते के साथ इलाके में भ्रमण करते देखा गया। इसके बाद से पुलिस ने सुखदेव यादव को दबोचने की रणनीति में जुट गए है। मंगलवार को इसी कड़ी में उसकी गिरफ्तारी को लेकर वांरट प्रे किया गया। बताते चले कि कुछ साल पहले पुलिस मुठभेड़ में मारे गए गिरिडीह-जमुई के जोनल कमांडर चिराग दा के दस्ते ने साल 2007 में देवरी के भारती चलकारी में चिलखरी नरसंहार कांड को अंजाम दिया था। जिसमें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मंराडी के बेटे अनूप मंराडी समेत 17 लोगों की नृशंसा हत्या कर दिया था। माओवादियों ने इस घटना को उस वक्त अंजाम दिया था। जब चिलखारी में आदिवासी समाज की और से रंगजत्रा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। चिराग दा के दस्ते में उस वक्त यह फरार माओवादी सुखदेव यादव भी शामिल था। नरसंहार के बाद भेलवाघाटी थाना में थाना कांड संख्या 160/2007 दर्ज किया गया था। नरसंहार और केस दर्ज होने के बाद से यह कुख्यात और चर्चित माओवादी फरार हो गया था। वहीं 13 सालों बाद इसके खिलाफ गिरफ्तारी वांरट लेने और गिरफ्तार किए जाने को लेकर पुलिस ने गतिविधी तेज कर दिया है। पुलिस सूत्रों की मानें तो सुखदेव यादव बिहार के जमुई जिला का रहने वाला है। चिराग दा की मौत के बाद संगठन ने इस माओवादी को जमुई-गिरिडीह के हार्डकोर माओवादी पिंटू राणा के दस्ते से जुड़ कर काम करने का निर्देश मिला। फिलहाल अब भी यह पिंटू राणा के दस्ते से जुड़ा हुआ है।