तजाकिस्तान में फंसे गिरिडीह समेत राज्य के तीन जिलों के मजदूर, सोशल मीडिया में वतन वापसी की सरकारों से लगाई गुहार
गिरिडीहः
झारखंड के तीन जिलों के प्रवासी मजदूरों और उनके परिजनों पर आफत आने के बाद मजदूरों और परिजनों ने सरकार से सहयोग का गुहार लगाया है। तजाकिस्तान में फंसे गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग के 44 मजदूरों ने वतन वापसी के लिए भारत सरकार और झारखंड सरकार से सहयोग मांगा है। तजाकिस्तान में फंसे 44 मजदूरों ने रविवार दोपहर सोशल मीडिया अपने मजबूरी का वीडियो पोस्ट कर सहयोग मांगा। और स्वदेश वापसी के लिए त्राहिमाम संदेश सोशल मीडिया में पोस्ट कर गुहार लगाया है। जानकारी के अनुसार तजाकिस्तान में फंसे मजदूरों का कहना है कि छह माह पहले हजारीबाग के खरना गांव निवासी पचंम महतो के माध्यम से तीनों जिलो के 44 मजदूर ट्रांसमिशन लाईन के काम से जुड़कर रोजगार के लिए तजाकिस्तान गए हुए थे। छह माह पहले जाने के बाद कुछ माह तक उन्हें वेतन दिया गया। लेकिन पिछले चार माह से यह कहकर वेतन बंद कर दिया गया कि कंपनी के पास अब मजदूरों को देने के लिए पैसे नहीं है। मजदूरों ने पचंम महतो पर भी धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। लिहाजा, कंपनी द्वारा वेतन नहीं दिए जाने के कारण ही अब हालात ऐसे हो गए है कि तजाकिस्तान में फंसे मजदूरों के पास खाने के लिए भी पैसे नहीं रह गए है। और जब पैसे की मांग होती है तब मजदूरों के साथ कंपनी के प्रतिनिधियों द्वारा बुरा व्यवहार तक किया जाता है।
तजाकिस्तान में फंसे मजदूरों का पोस्ट रविवार को सोशल मीडिया में आने के बाद प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले सिकंदर अली ने भी भारत और झारखंड सरकार से मामले को गंभीरता से लेने को कहा है। इधर तजाकिस्तान में फंसे मजदूरों में जिले के बगोदर के अडवारा संतोष महतो, लुतयानो के तेजो महतो, सरिया के चिचाकी गांव निवासी दशरथ महतो, नुनूचंद महतो, गणेश महतो, नंदू महतो, गिरि महतो, सोहन महतो, वीरेन्द्र कुमार, नकुल महतो शामिल है। जबकि हजारीबाग और बोकारो के तिलेशवर महतो, प्रदीप गंजू, रामेशवर महतो, महावीर महतो, रीतलाल महतो, गोवर्धन महतो, मीतलाल महतो, जगदीश महतो, वासुदेव महतो, बालेशवर महतो, प्रेमचंद महतो, ब्रहमदेव महतो, अशोक सिंह, अयोध्या महतो, टेकलाल महतो, वीरु सिंह, तालो महतो, कृष्णा कुमार मंडल, दिलीप महतो, विनय महतो, मनोज कुमार महतो, लालदेव महतो, रोहित सिंह समेत अन्य मजदूर शामिल है।