LatestNewsगिरिडीहझारखण्डराज्य

पर्यावरण सुरक्षा के लिए प्रेरित कर रहे वन अधिकारी के काम

  • पेड़ों को भाई बनाकर वन समितियों को दी थी उसकी सुरक्षा की जवाबदेही
  • कोल फील्ड में संजीव कुमार ने की थी कोल टूरिज्म की पहल

धनबाद। पर्यावरण सुरक्षा के लिए इनोवेटिव आईिडयाज के लिए झारखंड के एपीसीसीएफ (अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक) को धनबाद सहित हजारीबाग, चतरा, जमशेदपुर, चाइबासा इलाकों में याद किया जाता रहा है। डीएफओ और आरसीसीएफ रहते हुए श्री कुमार ने पेड़ों में रक्षा सूत्र बांधने की अनूठी पहल की थी। वन समितियों को रक्षा बंधन के दिन पेड़ों पर रक्षा सूत्र बांधने के लिए प्रेरित किया गया। ताकि वन समितियां पेड़ों को भाई बना सके और उसकी रक्षा के लिए हर कदम पर चौकन्ना रहे।

वन अधिकारी एपीसीसीएफ संजीव कुमार मानते हैं कि वृक्षारोपण अपनी जगह है। लेकिन, ज्यादा जरूरी पेड़-पौधों की सुरक्षा है। जगह बहुल झारखंड में पहले से ही पेड़ों की अधिकता है। सिर्फ इसे आने वाले सालों-दशकों तक बचा लें तो पर्यावरण सुरक्षित रहेगा। संजीव कुमार ने जंगलों के प्रति लोगों के लगाव के लिए कई अभिनव प्रयोग करते रहे हैं। पेंटिंग एक्जिविशन के आयोजन के जरिये भी इसकी उन्होंने कोशिश की है। इन पेंटिंग एक्जिविशनों का थीम वे प्रकृति रखकर लोगों के पर्यावरण के महत्व का बोध कराते थे। धनबाद में रहते हुए उन्होंने बंद पड़े कोयला खदानों में जमा पानी को देख वोटिंग की व्यवस्था कराने की कोशिश की थी। साथ ही बंद पड़े कोयला खदानों में पौधरोपन करवाकर उसे हरा भरा रखते हुए कोल टूरिज्म को बढ़ावा देने की कोशिश की थी। हालांकि कुछ अड़चनों के कारण यह पूरी तरह सफल नहीं हो पाया। मगर बावजूद इसके वन अधिकारी वनों की सुरक्षा व सच्छ पर्यावरण के लिए पहल करते रहे।

हाल ही में यानी 02 मई से 06 मई तक कोरिया के सियोल में आयोजित वर्ल्ड फॉरेस्टी कांग्रेस में एपीसीसीएफ संजीव कुमार का पेपर भी स्वीकृत किया गया। इस पेपर में श्री कुमार ने इकोसिस्टम सर्विस और वन प्रबंधन में पारंपरिक ज्ञान का उपयोग, वन तथा इसके आस-पास रहने वाले ग्रामीण तथा आदिवासी ने समय के साथ पारंपरिक ज्ञान कैसे अर्जित किया है, के बारे में बताया है। पेपर में श्री कुमार ने बताया है कि अर्जित ज्ञान और अनुभव आदि से आदिवासियों ने जाना कि पीढ़ी दर पीढ़ी की लोक कला, लोक कथा के अलावा लोक संगीत का क्या महत्व है। दूसरे पेपर में लघु वन पदार्थ का जीविका/आमदनी के स्त्रोत तथा जलवायु परिवर्तन से अनुकूलन में उपयोग के बारे में बताया है। वन अधिकारी संजीव कुमार के विभिन्न राष्ट्रीय तथा अर्न्तराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस और जर्नल में 100 से अधिक पेपर छप चुके हैं।

Please follow and like us:
Show Buttons
Hide Buttons