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तीन दिवसीय नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ संपन्न

महायज्ञ के अंतिम दिन 29 बच्चों का मुंडन एवं 51 बच्चों का विद्यारंभ संस्कार संपन्न

गिरिडीह। अखिल विश्व गायत्री परिवार गिरिडीह के द्वारा जमुआ प्रखंड के ग्राम जारीडीह में पिछले 3 दिनों से चल रहे नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ का समापन सोमवार को विधिवत् रूप से किया गया। शनिवार को मंगल कलश यात्रा के साथ यज्ञ प्रारंभ हुआ था। नौ कुंडीय यज्ञशाला में 29 बच्चों का मुंडन संस्कार एवं 51 बच्चों का विद्यारंभ संस्कार निःशुल्क संपन्न कराया गया। उपस्थित जन समुदाय के द्वारा पर्यावरण रक्षा के लिए जीवन में कम से कम पांच पांच वृक्ष लगाने, नशा नहीं करने, मांसाहार त्यागने, विवाह के अवसर पर दहेज नहीं लेने एवं अन्य बुराइयां छोड़ने का संकल्प लिया। महायज्ञ के दौरान मनुष्य मात्र के उज्जवल के लिए गायत्री महामंत्र एवं महामृत्युंजय महामंत्र से आहुतियां प्रदान की गई।

अच्छे विचारो एवं ज्ञान दान करके हम कर सकते समाज की सहायता: कामेश्वर सिंह

यज्ञ के दौरान वक्ताओं ने मानव जीवन की गरिमा, जीवन जीने की कला, यज्ञ का ज्ञान विज्ञान, गायत्री मंत्र उपासना से लाभ आदि के बारे में विस्तार से बताया। मुख्य वक्ता कामेश्वर सिंह ने कहा कि मनुष्य को केवल पेट एवं प्रजनन में ही जीवन को समाप्त नहीं करना चाहिए। बल्कि हमें अपने समाज एवं राष्ट्र के नव निर्माण में भी धन एवं समय का कुछ भाग अवश्य ही खर्च करना चाहिए। कहा कि समाज में बहुत से लोगों को हमारे सहयोग की आवश्यकता है। केवल धन ही नहीं कम से कम अच्छे विचारो एवं ज्ञान दान करके हम समाज की सहायता कर सकते हैं।

महायज्ञ को संपन्न कराने में रहा योगदान

नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ का संचालन जिला युवा प्रभारी अरुण कुमार एवं सह प्रभारी नरेश प्रसाद यादव ने किया। महायज्ञ को सफल बनाने में जयप्रकाश राम, श्याम लाल महतो, बालेश्वर महतो, महादेव महतो, सरयू यादव, राजीव रंजन, सोमर महतो, किशुन महतो, नारायण महतो, जितेंद्र शर्मा, महेंद्र शर्मा, ऋतुराज प्रसाद वर्मा, रमेश कुमार कुशवाहा, महेंद्र प्रसाद वर्मा, राधिका भारती, तपेश वर्मा, वीरेंद्र वर्मा, रेखा वर्मा, लखेश्वर वर्मा, मुकेश वर्मा, विजय भारती सहित पूरे गांव का सहयोग मिला।

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