तिसरी थाना से चंद फासले पर चल रहा था माइका और ढिबरा का अवैध कारोबार, अधिकारियों की टीम ने किया छापेमारी
करोड़ो का स्टाॅक और भंडारण जब्त, थाना से चंद फासले पर अवैध कारोबार होता देख सकते में रह गए अधिकारी
गिरिडीहः
गिरिडीह के तिसरी में अवैध रुप से संचालित माइका और ढिबरा के चार गोदाम और दो कारखानों को सोमवार की देर शाम सील किया गया। धनवार एसडीएम धीरेन्द्र सिंह के साथ एएसपी हारिश-बिन-जमां के साथ जिला खनन पदाधिकारी सतीश नायक और इलाके के एसडीपीओ मुकेश महतो ने दो कारखानों और चार गोदाम को सील किया। सील करने की यह कार्रवाई फिलहाल अभी जारी है। लेकिन अधिकारियों की टीम ने जिन इलाकों में संचालित माइका और ढिबरा के अवैध कारखानों और गोदामों को सील किया। वो तिसरी थाना से महज तीन सौ मीटर की दूरी पर संचालित है। लिहाजा, समझा जा सकता है कि बगैर तिसरी थाना पुलिस के सांठगांठ के ढिबरा और माइका का अवैध कारोबारी चलना संभव नहीं था। जबकि दोनों कारखानांे और चार गोदामों से करोड़ो रुपए के बड़े पैमाने पर माइका और ढिबरा जब्त किए गए। जानकारी के अनुसार एएसपी और एसडीएम के नेत्तृव में अधिकारियों की टीम ने सबसे पहले तिसरी के डिपो रोड के समीप गोविंद सिंह का गोदाम खुलवाया। जहां बड़े पैमाने पर अवैध ढिबरा जब्त किया गया। जानकारी के अनुसार गोविंद सिंह के इस ढिबरा गोदाम में काफी सालों से ढिबरा का अवैध कारोबार चल रहा था। इसके बाद अधिकारियों की टीम तिसरी के चंदन बरनवाल के गोदाम का जांच करने पहुंची। जहां बड़े पैमाने पर अवैध माइका और ढिबरा भंडारण पहले से किया गया था। इतना ही नही चंदन बरनवाल के इस गोदाम में कारखाना भी संचालित था। और अवैध तरीके से चंदन बरनवाल के इस गोदाम से ढिबरा का निर्यात किया जा रहा था।
इस दौरान टीम जब तिसरी के पंचदेव बरनवाल के ठिकानों पर पहुंची, तो वहां कार्यरत मुंशी मेनगेट पर ताला लगाकर फरार हो चुका था। लिहाजा, गोदाम का ताला तोड़कर अधिकारी भीतर पहुंचे। जहां बड़े पैमाने पर बोरे में फ्लैक्स भरा हुआ पाया गया। इसके बाद अधिकारी विनोद बरनवाल के गोदाम पहुंचे, तो यहां भी गोदाम और कारखानें का गेट तोड़कर ही अधिकारियों की टीम भीतर पहुंच पाई। जहां कई बड़े कमरों में अवैध माइका और ढिबरा का भंडारण चोरी-छिपे भेजने की तैयारी की जा रही थी। जबकि कच्चे माॅल का स्टाॅक भी पीसाई के लिए रखा हुआ था। तिसरी थाना के करीब बड़े पैमाने पर माइका और ढिबरा के अवैध कारोबार होता देख अधिकारी की टीम भी दंग रह गई कि आखिर थाना प्रभारी को इन अवैध कारोबार की जानकारी तक क्यों नहीं।