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देवघर में शुरू हुआ विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला, पहले दिन हजारो भक्तों ने किया जलाभिषेक

  • बोल बम के जयकारे से गुंजा देवघर
  • मेले के दौरान बंद रहेगी वीआईपी, वीवीआईपी दर्शन

देवघर। सावन का पावन महिना शुरू होते ही देवघर में गुरुवार से विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला शुरू हो गई। सावन माह के पहले दिन 11 वैदिक-पुरोहितों ने बाबा वैद्यनाथ की पूजा की। इसके पूर्व राजकीय श्रावणी मेला-2022 का उद्घाटन बुधवार को कांवरिया पथ के झारखंड में प्रवेश द्वार दुम्मा में राज्य के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के मंत्री बादल पत्रलेख, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा विधिपूर्वक किया गया था। इस दौरान अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर व सुल्तानगंज के गंगाघाट से कांवर लेकर आने वाले एक कांवरिया से फीता कटवाकर कार्यक्रम का शुभारंभ कराया गया।

गुरुवार को अहले सुबह से ही बाबाधाम में बड़ी तादात में कावांरियों का आगमण हो चुका था। जहां लम्बी लाइन में घंटों इंतिजार करने के बाद भक्तों ने बोलबम का जयकारा लगाते हुए बाबा बैद्यनाथ पर जलाभिषेक किया। जलाभिषेक के पूर्व पंडा समाज द्वारा बाबा पर काचा जल चढ़ाया गया। वहीं भीड़ को देखते हुए गर्भगृह में स्पर्श पूजा के बजाया गर्भगृह के बाहर अरघा के माध्यम से ही भक्तों द्वारा जलाभिषेक की गई। बताया गया कि श्रावणी मेला के दौरान वीआईपी, वीवीआईपी और आउट ऑफ टर्न दर्शन पूर्ण रूप से बंद रहेगा।

विदित हो कि कोरोना महामारी के कारण दो वर्ष के बाद श्रावणी मेले का आयोजन किया जा रहा है। ऐसे में बड़े तादात में कांवरियों व श्रद्धालुओं की आने की संभावना है। बिहार के भागलपुर जिलांतर्गत सुल्तानगंज के गंगाघाट से लेकर बाबा वैद्यनाथ की नगरी तक 108 किलोमीटर लंबी यात्रा के क्रम में बिहार के भागलपुर, मुंगेर व बांका के अलावा झारखंड के देवघर जिला का हिस्सा पड़ता है। विश्वप्रसिद्ध मेले के आयोजन से बिहार-झारखंड के चारों जिलों के लोगों को फायदा मिलता है। कांवरिए सुल्तानगंज से जल लेकर बाबा वैद्यनाथ पर जलार्पण करने के लिए आते है।

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