झारखंड की आत्मा गांव में है और गांव के संपन्न होने पर ही राज्य होगा मजबूत: हेमंत सोरेन
- संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने विपक्ष के विधायकों पर किया कटाक्ष, कहा यह मंच सभी का फिर भी नही आए विधायक व केन्द्रीय मंत्री
- पूर्व की सरकारों ने झारखंड को बनाया बिमार, वर्ष 2025 के बाद झारखंड होगा एक विकसीत राज्य
गिरिडीह। झारखंड राज्य अलग होने के बाद पदाधिकारी गांव में जाकर कोई काम नही करते थे, लेकिन अब वक्त बदल गया है, आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से पदाधिकारी गांव गांव जाकर जनता के लिए काम कर रही है। वृद्धा पेंशन, आवास, सिंचाई कूप सहित जो भी योजना है उसे जनता को लेना है। क्योंकि राज्य की 80 प्रतिशत आबादी गांव में है और गांव इस राज्य की आत्मा है। इसलिए जब गांव मजबूत होगा तब ही हमारा राज्य मजबूत होगा। उक्त बातें सुबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने ने सोमवार को झंडा मैदान में आयोजित आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने करोड़ों की परिसंपत्तियों का वितरण लाभुकों के बीच किया। साथ ही करोड़ों की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड के बाद आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से गांव स्तर पर शिविर लगाकर ग्रामिणों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है। कहा कि पूर्व की सरकारों में अधिकारी काम नही करते थे, लेकिन अब अधिकारियों व कर्मचारियों को गांव गांव भेजकर जनता के लिए काम कराया जा रहा है। कहा कि इस शिविर के माध्यम से हर एक बुजुर्गों तक पेंशन का लाभ पहंचाया जा रहा है। सावित्री बाई फूले योजना के माध्यम से आठ लाख छात्राओं को जोड़ा गया है, जिसके माध्यम से उन्हें 12वीें तक की शिक्षा दी जा रही है। वहीं भविष्य में उन्हें उच्च शिक्षा से भी जोड़ा जायेगा। वहीं गुरुजी क्रेडिट कार्ड के माध्यम से छात्र छात्राएं उच्चतर शिक्षा प्राप्त कर सकते है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने ने कहा कि कहा कि सरकार की जिम्मेवारी होती है जिन्होंने वोट दिया है उनके लिए भी काम करें और जिन्होंने काम नही किया है उनके लिए भी काम करें। यह मंच सभी जनता और जनप्रतिनिधियों के लिए है, लेकिन इस राज्य का दुर्भाग्य है कि विपक्ष के न ही विधायक और न ही केन्द्रीय मंत्री ही कार्यक्रम में शामिल हुई है। कहा कि पूर्व की सरकारों ने झारखंड को बीमार राज्य बना दिया था। जिसे ठीक करने का काम किया जा रहा है। 2025 के बाद झारखंड न सिर्फ युवा राज्य होगा बल्कि पूरी तरह से मजबूत और विकसीत राज्य होगा।
संबोधन के दौरान केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार झारखंड के साथ हमेशा पक्षपात करती रही है। जनहित में कई योजनाओं को लागू करने के लिए सरकार का प्रयास है लेकिन आर्थिक रूप से सरकार कमजोर है। क्योंकि राज्य के पैसे को केंद्र की मोदी सरकार ने रोक दिया है। एक लाख 36 हजार करोड़ का फंड रोका हुआ है। कोयला झारखंड से लिया जाता है लेकिन झारखंड का बकाया है तो लाइन कटना शुरू हो जाता है। जो फंड केंद्र सरकार रोके हुए है उसे देना नही है। लेकिन जो अधिकार है उसे भी नही देना है। केंद्र सरकार को अपने बकाए की चिंता रहती है। लोगो को चिंता नही करना है क्योंकि राज्य सरकार खुद का बिजली पैदा करने के प्रयास में है। इसके लिए ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया जा रहा है।
- चुनाव में जनता से किए वादे को पुरा कर रही है गठबंधन की हेमंत सरकार: आलमगीर आलम
मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि हेमंत सरकार बनने के बाद जनता को दिए आश्वासन को पूरा करने के लिए 2021 से आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की शुरूआत की गई। इस कार्यक्रम के माध्यम से जनता के हित में हेमंत सोरेन की गठबंधन की सरकार द्वारा कई कार्य किए गए है। जिसका वर्तमान में लाभ मिलने के साथ ही भविष्य में भी मिलेगा। कहा कि सरकार ने सकंल्प लिया था राज्य के सभी 60 वर्ष से अधिक उम्र के जरूरतमंदों को वृद्धा पंेशन देने की घोषणा की थी जिसे पूरा किया गया। कोविड काल में प्रदेश से लौटने वाले लोगों को झारखंड मंे ही जॉब कार्ड बनवाकर रोजगार मुहैया कराने का काम किया गया। वहीं वर्तमान में अबुआ आवास के माध्यम से केन्द्रीय सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना को देने में किए गए भेदभाव के शिकार हुए लोगों को आवास देने का काम करेगी।
- हेमंत सरकार के चार वर्षों में हुआ झारखंड का विकास: सत्यानंद भोक्ता
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि झारखंड राज्य का गठन हुए 23 वर्ष हो गए है, लेकिन इन 23 वर्षों में अगर झारखंड का विकास हुआ तो सिर्फ हेमंत सरकार के 4 वर्षों कार्यकाल में हुआ है। इसके पहले कई सरकारे आई और गई, लेकिन विकास कुछ भी नही हुआ। कहा कि हेमंत सरकार झारखंड के सुदुरवर्ती इलाके के अंतिम व्यक्ति तक विकास कार्य पहुंचाने का काम कर रही है। कहा कि सरकारी आकंड़े के अनुसार गिरिडीह से डेढ़ लाख मजदूर दूसरे राज्यों में काम कर रहे थे। कोविड के समय में झारखंड सरकार ने न सिर्फ उन्हें घर तक लाने का काम किया बल्कि उन्हें कई सुविधाएं भी दी गई। कहा कि श्रम विभाग के द्वारा आज मजदूरों को कई प्रकार की सुविधाएं दी जा रही है। प्रवासी मजदूरों के मौत होने पर सरकार ने श्रम विभाग के द्वारा उनके परिजनों कई तरह की सरकार सुविधाएं देने के साथ ही मृतक मजदूर के शव को घर तक लाने और उनके क्रियाकर्म के लिए 50 हजार तक की राशि देने की व्यवस्था बनाई गई है। वहीं मंत्री बेबी देवी ने संबोधित करते हुए कहा कि जिले की जनता से जुड़ी समस्याओं को उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है। जिसका समाधान करने के लिए मुख्यमंत्री तत्पर है।